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Independence Day Speech in Hindi 2022 | स्वतंत्रता दिवस पर भाषण | 15 August Speech in Hindi

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दिन वो आज आया है
तिरंगा खुलकर मुस्कुराया है
तोड़ कर पराधीनता की बेड़ियों को
देखो ध्वज कैसे फहराया है।

सादर नमस्कार, यहां उपस्थित सभी श्रोतागणो को मेरा प्रणाम।

स्वन्त्रता दिवस की सबको हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं और इस गौरवशाली दिन पे अपनी बात रखने के लिए, मुझे मंच प्रदान करने के लिए तहदिल से आपका शुक्रिया अदा करती हूं।

जैसा कि हम सब जानते है कि आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है और यह सिर्फ एक दिवस ही नही बल्कि स्वंत्रत भारत की स्वन्त्रता का प्रतीक है, क्योंकि आज के ही दिन भारत अंगेज़ी हुकूमत से पूरी तरह आज़ाद हुआ था और पराधीनता की बेड़ियों को तोड़ सोने कि चिडिया कहने वाला भारत फिर खुली हवा में सुकून की सांस लेने लगा था।

पर यह आज़ादी इतनी आसाम नही थी, इस आज़ादी के लिए कितने वीरो ने संघर्ष किया, भगतसिंह सुखदेव, चंद्र शेखर आज़ाद, सुभाषचंद्र बोस, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई इत्यादि ने लोगो मे क्रांति की ज्योत न जलायी, बल्कि जंग के मैदानों में कूद पड़े, अत्याचार सहते रहे, पर तिरंगे को झुकने नही दिया, भारत माँ का मान, सम्‍मान स्वाभिमान कायम रखा। हम तो कल्पना भी नही कर सकते, जलियांवाला बाग देखो जहाँ खूब चली थी गोलियां, या भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को देखो जो हँसते हँसते फांसी पे चढ़ गए, पर इंकलाब के नारे से धरती को गुंजा दिया, चंद्रशेखर आज़ाद को देखो अंग्रेजों की गोली से उनको मरना मंज़ूर न था, अपने ही हाथों अपनी प्राणों को आहुति दी, ऐसे सच्चे
वीर धरती माँ के जिनकी वजह से ही अंग्रेज़ो की गुलामी से आज़ाद हो पाए थे।

कतरे कतरे में आज़ादी का लहू जहाँ बहता था,
छोटी सी उम्र में भी देशभक्ति का झरना झर झर करता था
इंकलाब जिंदाबाद के नारे जहाँ हर गलियारे में गुंजा करता था
यह आज़ादी के वो परवाने थे, जिन्होंने तिरंगे से अपना कफ़न बांधा था।

आओ सलामी उन्हें भी दे, जो इस देश के सच्चे रक्षक है, जो बर्फीली पहाड़ो में चट्टान बने खड़े रहते है, मौत को भी जो हथेली पे लेकर चलते है और हमेशा तैनात खड़े रहते है, उनके लिए कुछ पंक्तियों कहकर इस गौरवशाली भारत के सच्चे गौरव को सलाम करती हूं और अपनी वाणी को विराम देती हूं ।

खड़े है वो शरहद पर
हम घर मे दीप जलाते है
वो रात भर पहरा लगाते है
हम चैन की नींद सो जाते है।

फौजी की वर्दी पहनकर
सीना तान के खड़े रहते है
दुश्मन को भी
जो मौत की नींद सुला देते है।

बर्फीली पहाड़ियों पर
हौसले की उड़ान भरते है
सबसे ऊँची चोटी
शौर्य का इतिहास रचते है।

वो भारतीय सैनिक ही है
जिनके जज़्बे की अलग ही गाथा है
तभी तो दुश्मन का कलेजा भी
इन्हें देख थर थर थराता है।

भारत देश का गौरव यह
तिरंगा भी देख इन्हें मुस्कुराता है
तभी तो ऊंची पहाड़ो पे
वो कितने शान से लहराता है।

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