1.
कतरे कतरे में आज़ादी का लहू जहाँ बहता था,
छोटी सी उम्र में भी देशभक्ति का झरना झर झर करता था
इंकलाब जिंदाबाद के नारे जहाँ हर गलियारे में गुंजा करता था
यह आज़ादी के वो परवाने थे, जिन्होंने तिरंगे से अपना कफ़न बांधा था।
2.
भारत देश का गौरव यह
तिरंगा भी देख इन्हें मुस्कुराता है
तभी तो ऊंची पहाड़ो पे
वो कितने शान से लहराता है।
3.
वो भारतीय सैनिक ही है
जिनके जज़्बे की अलग ही गाथा है
तभी तो दुश्मन का कलेजा भी
इन्हें देख थर थर थराता है।
4.
खड़े है वो शरहद पर
हम घर मे दीप जलाते है
वो रात भर पहरा लगाते है
हम चैन की नींद सो जाते है।
5.
फौजी की वर्दी पहनकर
सीना तान के खड़े रहते है
दुश्मन को भी
जो मौत की नींद सुला देते है।
6.
बर्फीली पहाड़ियों पर
हौसले की उड़ान भरते है
सबसे ऊँची चोटी
शौर्य का इतिहास रचते है।
7.
दिन वो फिर आया है
तिरंगा खुलकर मुस्कुराया है
तोड़ कर पराधीनता की बेड़ियों को
देखो ध्वज़ कैसे मुस्कुराया है।
8.
आओ सलामी दे उन्हें
जो इसके असली हक़दार है
मिट्टी की हर एक परत
उन्ही की कर्ज़दार है।
9.
घायल पड़ा शेर है, फिर भी जज़्बा कमाल का है
जेल में सड़ी गली रोटियाँ है फिर भी आज़ादी की बिंगुल बजा रहा है
पानी को तरसा है पर खून में उफ़ान है
ऐसे शहीदों को हम देशवासियो का नमन बारम्बार है।
10.
फांसी के फंदे पे लटक रहा है, फिर भी मुस्कुरा रहा है
इंक़लाम जिंदाबाद के नारे लगा रहा है
हर नुक्कड़ पे देशभक्ति की ज्वाला जला रहा है
ऐसे शहीदों को हम देशवासियो का नमन बारम्बार है।
11.
मरना हमें मंज़ूर है पर झुकना हमें कतई मंज़ूर नहीं है
सांस जब तक शरीर में लड़ेंगे आदमियत के लिए है
कोई क्या तोड़ेगा हमें जो खुद जुड़ नहीं पाया है
महजब की शिक्षा क्या देगा हमें जिसका महजब खुद न बन पाया है ।
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