Poem on Moon in Hindi-चंदा मामा पर कविता
काश एक ऐसी सीढ़ी होती
जो चांद तारो तक ले जाती
सपने सारे सच होते
परियो के बीच हम भी तो होते।
काश एक ऐसी सीढ़ी होती
जो चांद तारो तक ले जाती
चंदा मामा के साथ लुका छिपी खेलते
तारो से हम घंटे बतियाते।
काश एक ऐसी सीढ़ी होती
जो चांद तारो तक ले जाती
परियो से हम कहानिया सुनते
जिसकी कहानिया दादी माँ अक्सर सुनाया करती।
काश एक ऐसी सीढ़ी होती
जो चांद तारो तक ले जाती
सूरज को हम दूर से निहारते
तारो के बीच फिर हम सो जाते।
काश एक ऐसी सीढ़ी होती
जो चांद तारो तक ले जाती
जब मन हुआ तभी निकल जाते
चंदा मामा की हाथ की बनी खीर हम भी तो खा पाते।
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