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Hindi poem -अगर में तितली होती

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Agar me titli hoti
अगर में तितली होती
तो यह आसमान मेरा होता
रंग बिरेंगी परिधानो से
यह श्रृंगार मेरा होता।
 
अगर में तितली होती
खूबसूरती की मिसाल मेरी होती
रंगों से महक फैलाती
इंद्रधनुष के रंग मेरे होते।
 
अगर में तितली होती
खुले आसमान का में एक परिंदा होती
न कोई रोक न कोई टोक होती
सपनो की बुनियाद मेरी होती।
 
अगर में तितली होती
सारे रंग मुझसे होते
सौंदर्य धरती पर होता
रंगों से पहचान मेरी होती।

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