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मंच संचालन शायरी | Best 10 Manch Sanchalan Shayri in Hindi | Anchoring Shayri in Hindi

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1.

एक दिन भी जी मगर अटल विश्वास बनकर जी
कल नही तू जिंदगी का आज बनकर जी
मत बन पुजारी स्वयं भगवान बनकर जी
एक दिन भी जी मगर इंसान बनकर जी।

2.

मेहँदी जब सहती है प्रहार
तो बन जाती है ललनाओं का श्रृंगार
फूल पिरोये जाते है, हम उन्हें गले लगाते है
मानव जब जब जोर लगाता, पत्थर भी पानी बन जाता है।

3.

प्रयास से बनता विश्वास, विश्वास से जुड़ते कामयाबी के तार और इसी कामयाबी से इंसान में होता काबिलयत का आगाज़ है।

4.

जिंदगी एक चाह है,
हर चाह की एक राह है
हर राह का एक उद्देश्य है
हर उद्देश्य की एक मंज़िल है
हर मंज़िल के पीछे छिपी कामयाबी है
और हर कामयाबी के पीछे बसी है
बस वो है मेहनत।

5.

.गतिशील करो चरणों को, मंज़िल दूर नही है
कालचक्र गतिमान किसी का दास नही है
जीवन के हर पल को कर लो तुम सार्थक
क्योंकि सांसो का पल भर भी विश्वास नही है।

6.

न हर समुन्द्र में मोती सदा खिलते है
न हर मंज़र में दीप सदा जलते है
पर जिनके खिलने से समस्त उपवन खिल उठे
ऐसे पुष्प उपवन में सदियों बाद ही खिलते है।

7.

सफलता नही छुपी होती किताबो के रंगीन पन्नो में, वो छुपी होती है इंसान के विकसित सोच में, उनके व्यक्तितव में और उनके जीने की कला में।”

8.

मंज़िल तक पहुँचना हर किसी का ख्वाब होता है
पर अधूरे ख्वाबो का एक आसमान भी होता है
जहाँ हमारी मेहनत का कोई मोल नही होता है
क्योंकि बिना सफ़लता कोई चिट्टा आम नही होता है
कौन पूछता है फटे पुराने लिबासो को
यहां तो सिकंदर वोही होता है जो बाजी जीत जाता है।

9.

. युही दुनिया नग्मे कहाँ सुनाती है
युही किसी को ताज कहाँ पहनाती है
युही कोई Elon Musk थोड़ी बनता है
कामयाबी उसे ही सेहरा पहनाती है जिसके इरादे मजबूत और जिसकी मेहनत में सचा दम होता है।

10.

हवाओं को, फिज़ाओ को, घटाओ को नाज़ है तुम पर
बहारों को, सितारों को, नज़ारों को नाज़ है तुम पर
ओ जैन जगत के देदीप्यमान सरोवर
अमन के चमन को गगन की वसुंदरा को नाज़ है तुम पर।

Farewell Shayri for Teachers in Hindi

मंच संचालन स्वागत शायरी

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