अनेकता में एकता, हिंद की विशेषता
एक राह के है मीत, मीत एक प्यार के
एक डाली के है फूल, फूल एक हार के
देखती है जमीन, देखता यह आसमान।
सादर नमस्कार, यहां उपस्थित सभी श्रोतोगणों को मेरा प्रणाम
Constitution day की सबको हार्दिक शुभकामनाएं देती हु और इस गौरवशाली दिन पे अपनी बात रखने के लिए, मुझे मंच प्रदान करने के लिए, आपका तहदिल से स्वागत करती हु।
आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा गया है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी के बाद, देश को सबसे पहले जरूरत थी एक ऐसी न्यायिक व्यवस्था की,जहा उच्च नीच का भेदभाव न हो, सब जाति और सब धर्म को समान स्थान मिले, सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक रूप बनी रही और देश तरक्की और नित नई ऊंचाइयों को छूता रहे।
संविधान दिवस हर वर्ष २६ नवंबर को बनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान बन कर तैयार हुआ था, जिसको पूरा बनने में 2 वर्ष 11माह और 18 दिन का समय लगा था, इसे कानून दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, पहला संविधान दिवस 26 नवंबर 2015 को अंबेडकर जी की 125 जयंती पे नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में बनाया गया। तभी से हर वर्ष संविधान दिवस भीमराव अंबेडकर जी की स्मृति में बनाया जाता है।
भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। आज इस दिवस पे महान व्यक्तित्व, महान विचारो वाले और भारतीय संविधान के जनक भीमराव अंबेडकर जी को याद किया जाता है और संविधान की महत्व को दर्शाया जाता है।
अंबेडकर जी के विचारो को चार पंक्तियों में कहने की कोशिश करती हु
नज़रिया बदलो
हम सब एक है
अलग अलग ढांचे में डाल दिये गए है
पर उसके मंदिर में आज भी एक समान है।
इस दिन विद्यालय, महाविद्यालय और संस्थानों में वाद विवाद प्रतियोगिता, भाषण, चित्रकला प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाती है, और संविधान की महत्त्वता के बारे में बताया जाता है।
संविधान दिवस पर हम सब संविधान के महत्व को समझने का प्रयास करे, हमारे मौलिक कर्तव्य और अधिकारों का हनन न हो, और हम संविधान का सम्मान करे इसी के साथ अपनी वाणी को विराम देती हु और चार पंक्तियों कहती है,
हम सबका अभिमान है,
भेदभाव से कोसो दूर, सभी धर्मो को मिला स्थान है
सबको मिलता यहां सम्मान है
ऐसा मेरा देश का संविधान है।
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