आदरणीय प्रधानाचार्य जी, उपस्थित सभी शिक्षकगण, पधारे गए समस्त अतिथिगण,हमारे आज के मुख्य अथिति को मेरा भावपूर्वक अभिनन्दन।
में भाविका कक्षा 11 की छात्रा आज खुद को बहुत गौरवविन्त महसूस कर रही क्योंकि में इस विद्यालय की छात्रा हु। जिस विद्यालय की नींव तो 12 साल पहले रखी गयी थी, पर वही अनुशासन आज भी विद्यालय के प्रांगण में दिखता है।
आज इस विद्याभवन के लिए यह दिन बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आज वार्षिकोत्सव जो हम सबका वर्ष भर का लेखा जोखा है। और यह बताते हुए मुझे बहुत हर्ष हो रहा है, की इस विद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पे अग्रसर होता रहा है। चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल खुद का या अन्य गतिविधि, हर क्षेत्र में हमारा विद्यालय आगे ही रहा है।
अब मे हमारे पधारे गए मुख्य अथिति का विद्यालय की और से, हम विद्यार्थी की और से धन्यवाद ज्ञापन करना चाहूंगी की उन्होने इतने व्यस्त होते हुए भी इस विद्यालय के लिए, हम विद्यार्थियों के लिए वक़्त निकाला और हमे प्रोत्साहित किया और अपने आशीर्वचन रूपी शब्दो से हमे अनुग्रहित किया , इस विद्यालय का प्रांगण हमेशा आपका आभारी रहेंगा।
अंत में चार पंक्तियों से अपनी वाणी को विराम देती हूं और मुख्य अथिति sir को धन्यवाद देती हूं।
सदा न कोयल बोलती, सदा न खिलते फूल
ऐसे अथिति पधारते जब भाग्य हो अनुकुल।
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