“संसार का सारा सुख एक तरफ
फिर भी रहता स्वास्थ्य का पलड़ा भारी है
कितना भी धन अर्जित कर लो यारो
बिना स्वास्थ्य के सब लगता जैसे बेगारी है।”
आज स्वास्थ्य दिवस की सबको हार्दिक शुभकामनाएं देती हु और इस दिवस पर मुझे मंच प्रदान करने के लिए तहदिल से आपका धन्यवाद ज्ञापित करती हु।
विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना 1948 में स्विजरलैंड के जेनेवा में हुई और हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस पूरे विश्व में बनाया जाता है। यह दिवस सिर्फ एक दिवस नही है बल्कि आधुनिकता की दौर में दौड़ रहे लोगो को उनकी स्वास्थ्य के बार में जागरूकता प्रदान करना है। क्योंकि किसी ने ठीक ही कहा है स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिक का निर्माण होता है अर्थात अगर शरीर स्वस्थ होंगा तो रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होंगी और कोई भी बीमारी आपको जल्दी अपने चपेट में ले नही पाएंगी।
जब कोरोना कहर बन कर बरस रहा था, पूरी दुनिया में इसकी चर्चा थी, वैज्ञानिक जब ढूंढरहे इसका इलाज थे, तब W.H.O की गाइडलाइंस ही थी हो हमे समय समय पर हमारा मार्गदर्शन कर, हमे बचाने का प्रयास कर रही थी,
“यात्रा करते वक़्त मास्क पहने
जुकाम और सर्दी से पीड़ित व्यक्ति का तुरंत इलाज़ कराये
सांप और पक्षियों का सेवन न करे
किसी व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद बिना हाथ धोये अपने आँखों को न छुए।”
Corona की वैक्सीन भी खोज निकाली, जिसका मिलना किसी चुनौती से कम नही था।
विश्व स्वास्थ्य दिवस एक जागरूकता अभियान है उन बीमारियों को जड़ से उखाड़ने का जो पंख पसार कर पूरी दुनिया को अपने चपेट में लेती रही है जैसे पोलियो, कुष्ठरोग, स्वाइनफ्लू इत्यादि और इसे रोगों के रोकथाम करना और उचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करवाना है।
कहा जाता है पहला सुख निरोगी काया अर्थात अगर स्वास्थ्य सही है, संसार के सारे सुख अच्छे लगते है ,
आज कही बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते है, वक्त पर सही भोजन n मिलने पे कही बीमारी से ग्रस्त हो जाते है, इतना ही नही आज शुद्ध खानपान रहा ही कहा, वो बाजरे का दलिया, सोगरे की रोटी, दही की राब और गांव की शुद्ध देशी घी और शुद्ध वातावरण, आज तो बस आधुनिकता की दौर में गांव पीछे छूट गया, खानपान दूषित हो गया और जीवन शैली भी बदल गई, रह गया होटल का खाना, जिसको हम बड़े चाव से खाते है, यह भी नही जानते कितना पुराना है, और कितना नुकसानदेय है।
इस दिन को सफल बनाने के लिए कही प्रयास W.H.O के द्वारा समय समय पर किया गया है, स्कूल,विद्यालय, महाविद्यालय में निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाती है और नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए जाते है, और कैंप भी लगाए जाते है ताकि स्वस्थ विश्व की नीव रखी जा सके।
“अर्थात विश्व स्वास्थ्य दिवस एक
अभियान है बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए
स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को लोगो तक पहुंचाने के लिए
जब भी कोई बीमारी व्यापक रूप ले ले तो उसको गंभीरता से चुनौती की तरह स्वीकार करने के लिए
और स्वस्थ समाज की नीव रखने के लिए
और पूरे विश्व को रोग से मुक्ति दिलाने के लिए।”
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