कण कण में से एक सुवास आती है
मेरे गांव की मिट्टी में से एक अलग ही खुशबू आती है
चला जाता हु जब भी शहर, दिल पीछे छूट जाता है
मेरे गांव में ही मुझे चैन की नींद आती है।“
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त शिक्षक गण ,पधारे गए अथितिगण और मेरे प्यारे विद्यार्थियों
कहते है अगर जड़ मजबूत होती है तो पेड़ हरा भरा रहता है और अगर माली ईमानदारी से कार्य करता रहे तो पूरा उपवन देखने लायक होता है, उपवन की शोभा दिखने लायक होती है, उसी प्रकार गुरु उन मजबूत जड़ों को तरह है जिनकी मजबूत नींव कुछ समय बाद फल देने लगती है, उस माली की तरह है जो कितने वर्ष तक उपवन की देखरेख करता है, और जब भी कोई उसे देखने आता है तो वह विस्मयभरी नजरो से उसे देखता ही रह जाता है। बस आप इसी मेहनत और प्रयास से लगे रहे तो हमारी गांव की तस्वीर कल कुछ और ही होंगी।
विद्यार्थी जीवन, यह उमर का पढ़ाव, यह समय फिर लोट कर नही आयेगा, इस वक्त अगर आपने अपना १०० प्रतिशत दे दिया, बारीकी से हर चीज का अध्ययन कर लिया तो जिंदगी की रेस में कभी आप फेल नही होंगे और हमारे गांव की का द्वार भी आपसे होकर ही गुजरता है।
मुखिया के तौर पे इतना ही कहना चाहूंगा, मेरे गांव का हर बच्चा आगे बढ़े, सब पास होए, जो विद्यालय नही आते हम उनकी भी प्रेरणा बने, और यह विद्यालय सुचारू रूप से चलता रहे।
और जिन्हे आज पुरुस्कार मिला है, उन्हे बढ़ाई देता हु और जिन्हे नही मिला उन्हे भी कहता हु बस प्रयास करते रहो और मेरे बोलने में कोई त्रुटि हो तो मुझे माफ करना और चार पंक्ति पढ़ता हु और गांव यूंही विकास की तरफ अग्रसर हो, उन्ही शुभकामनए के साथ मंच को छोड़ने की अनुमति भी चाहता हु।
एक दिन भी जी मगर अटल विश्वास बनकर जी
कल नही तू जिंदगी का आज बनकर जी
मत बन पुजारी स्वयं भगवान बनकर जी
एक दिन भी जी मगर इंसान बनकर जी।
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