“मिट्टी भी जहा की चंदन है
सभी को मेरा वंदन है
श्रम और पसीने से महकता मेरे गांव का आंगन है
सभी गांववासियों को आज करती हु में अभिनंदन है।”
सम्मानित मंच, पधारे गए अथितिगण और मेरे प्यारे गांववासियों
सबसे पहले में अपने समस्त गांववासियों का आभार व्यक्त करता हु की मेने एक अगर एक माली की भूमिका निभाने का बीड़ा उठाया तो यह खिलता हुआ उपवन, यहां के सारे फूल समान बालक, पुराने पेड़ो की मजबूत हुए जड़ के समान हमारे गांव के बुजर्ग और इस हरियाली को कायम करने वाली हमारी गांव की बहन,बिटिया और श्रम और पसीने से इस उपवन को सोचने वाले हमारी आज की युवा पीढ़ी, सबने मिलकर इस गांव की परिपाठी को बदलने का जो संकल्प लिया और आपके जो प्रयास है वो वाकई दांतो तले उंगली चबाने जैसा है।
आप सब का सहयोग मुझे बराबर मिलता रहे और गांव की गतिविधि विधिपूर्ण चलती रही, टिको का पंजीकरण हो या विद्यालय में नामांकन, या पानी का समस्या का निवारण, या अस्पताल में में कार्यभार संभालना, सबने कंधे से कंधे मिलाकर सुचारू रूप से हर कार्य को पूर्ण किया , में आप सब का दिल से धन्यवाद ज्ञापित करती हु और मेरा गांव, आपका गांव हमारा गांव युही प्रगति को निरंतर छूटा रहे इन्ही शुभकामनाएं के साथ चार पंक्तियों कहकर अपनी वाणी को विराम देती हु।
“मेरा जमीन मेरा आसमान है
मेरी गांव मेरी पहचान है
हजारों हाथ जहा आगे बढ़े, एकता ही हमारी शान है
मेरा गांव और मेरे गांव वासी, आप सब ही मेरा जहांन हो।”
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