Hello everyone सादर नमस्कार
दीप प्रज्वलित हुए, हुआ नया सवेरा है
विद्यालय का आंगण रोशनी से हुआ उजियारा है
झिलमिल सितारे सारे करते आपको वंदन है
पधारे गए अथितियों को मेरा सत सत अभिनन्दन है।
Hello Everyone, सादर नमस्कार,
एक खूबसूरत शाम की खूबसूरत शरुआत करते है
नारी शक्ति को हम प्रणाम करते है
Women Day Program का सुंदर सा आगाज़ करते है
और आज की दिन को सभी महिलाओं के नाम करते है।
A warm welcome to respected principal mam, all my teachers and my fellow friends
में जीनल कक्षा 11वी की छात्रा इस खूबसूरत सुबह को और खूबसूरत बनाने का प्रयास कर रही हु और नारी दिवस की सबको शुभकामनाएं देने और इस दिन को यादगार बनाने की पहल कर रही हु।
तो आइए इस कार्यक्रम का आगाज़ करते है और कुछ पंक्तिया नारी को समर्पित करते है।
रंगों से रंग भर
सपनो से आसमा सजा
अपनी काबिलियत का शोर मचा
वक़्त आज तेरा आया है।
क्यों आंसूं बहाती है
क्यों दुनिया को तू न दिखलाती है
अपने जज़्बे का डमरू बजा
वक़्त आज तेरा आया है।
क्यों चारदीवारी में धंसी है
क्यों सपनो को रौंद कर चली है
उठ बना अपनी नयी मिसाल
वक़्त आज तेरा आया है।
तुझे बनना पड़ेगा चंडी
धारण करना पड़ेगा अपना शस्त्र
तेरे आबरू की रक्षा तू खुद कर
वक़्त आज तेरा आया है।
अकेली तू है तो क्या डर है
तू क्या किसी हिम्मत से कम है
भय को त्याग कर बन जा तू तलवार
वक़्त आज तेरा आया है।
अब स्टेज पे पहली प्रतिभागी को आमंत्रित करती हूं जो आज के नारी पे अपना विचार प्रस्तुत करने आ रही है।
थैंक्यू प्रतिभा
जब नारी कुछ करने की ठान ले
तो
पर्वत भी झुक जाता है
नदिया रास्ता दे देती है
साहिल देखते रह जाती है
प्रकति मुस्कुराती है
क्योंकि उसके जज़्बे को देख
आसमा के तारे भी तो खुशी बनाते है।
Now I invite second participant son stage who will reveal second phase of women, which is not changed, that the condition of womens in villages.
Thanku Swati
क्या है औरत
एक खिलता हुआ गुलाब
या
पराधीनता की बेड़ियों में जकड़ा हुआ
गुलज़ार
ख़्वाशियो का सूरज
या
ढलती शाम की प्यारी सी मरहम
सुख दुख का दर्पण
या
सपनो को रौंद कर देती तुम्हारे सपनो को नया आसमान
Now I invite minakshi and group on stage for the skit they performing on abortion,
उस दिन खुदा भी रोया होगा ,
जब सफेदी में लिपटा कमल का काफिला निकला होगा
तभी तो बिन बादल बारिश हुई थी
बेटे की चाह में बेटी को मार गिराया था।
Now I invite a group skit who will shows about today women how they are independent now which is need of an hour, so welcoming on stage alok and group
सुई की नौक पे चलना हो
या भिड़ना हो आज अंगारो से
आज नहीं वो डरती किसी से
खुद बनी अपना अभिमान है।
Now I will request director mam to come on stage and give your valuable speech and guide us how we fulfill our ambitions.
Thanku so much mam
इतना ही कहना चाहूंगी मैंम
आप जैसा फुल हर बाग में नही खिलता है
वो खुशनसीब है जो आपकी छत्रछाया में रहते है
मामूली पत्थर को भी जो तराश दे
तभी तो यहां से हर स्टूडेंट सोना बन ही निखरता है।
Now I invite mehul and group for group dance performance
Thanku mehul and group
Now I invite ruchi for recitating a beautiful poem on women.
Thanks ruchi
कुछ पंक्तियो से अपनी वाणी को विराम देना चाहुगी
Sacrifice भी है, Compromise भी है
तहजीब भी है तो आदर भी है
सपने है तो पहले घर की सहलुहित है
अरमान है तो पहले पूरा करती घर का काम है
थकी हारी भी अपने सपनो को जीती है
कुछ वक्त ही सही पर उसी में वो पता नही क्या क्या बन लेती है
सबकी सुनती है, पर कुछ नही कहती है
तभी तो बात जब patience की आती है तो औरत को ही तवज़्ज़ा मिलती है।
SALUTE TO ALL WOMENS
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