जग के तारणहारे, अंधकार को मिटाने, रोशनी से जग को प्रकाशित करने, भव्य जीवो का कल्याण करने वाले, जिओ और जीने दो का संदेश देने वाले महावीर भगवान का जन्म कल्याणक है।
यह सिर्फ दिवस ही नही बल्कि अहिंसा और सत्य की ज्योत फिर जलाने की और भटकते हुए राहगीर को राह दिखाने की और जीवो को एक सामान समझने की और मोक्ष की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देने का दिवस है।
एक दिपक की भांति जगमगाते रहो
फिर चाहे आंधी हो या तूफान हो
तुम न डिगो अपने पथ से
फिर क्यों न आये उपसर्ग हज़ार है
परीक्षा उन्ही की ही होती है
जिनके इरादे मज़बूत होते है
तभी तो याद उन्हें ही किया जाता है
जो सच्चे महावीर होते है।
भगवान महावीर कहते है कि अहिंसा पथ जितना मुश्किल होता है, उसका फल उतना ही मीठा होता है, वो कहते है कि हम बहुत भाग्यशाली है कि हमे मनुष्य भव मिला, जैन धर्म मिला, ऊँचा कुल मिला, देव देवी भी इस भव के लिए तरसते है और इस भव का अगर आपने सही से सदुपयोग नही किया तो हमारा मानव भव निष्फल हो जायेगा फिर हमें 84 लाख जीवयोनि में भटकने पड़ेगा, पता नही क्या क्या बनना पड़ेगा। इसलिए हमें धर्मध्यान करते रहना चाहिए। जितना भी बन पड़े उतना करते रहना चाहिए पर धर्म कार्य मे बिल्कुल भी प्रमाद नही करना चाहिए।
सिद्धशिला पे विराजमान आज भगवान है
जियो और जीने दो का वो संदेशवाहक है
जिनशाशन की वो शान है
हम सबके प्रिय वो हमारे 24 वे तीर्थंकर वर्धमान है।
Must Read:-