क्या है सफ़लता | Definition of Success
मेहनत, लगन,जज़्बा,कामयाबी,उमंग,आशा,
क्या यही है सफ़लता
तो फिर हर कोई सफल क्यों नही हो पाता है
मेहनत तो आज भी लोग पूरी रात तक करते है।
सफ़लता कागज़ या किताब नही है
सफलता Mathematics का formula नही है
सफ़लता न तो कोई calculation है
सफ़लता न ही English का tense है।
फिर क्या है सफ़लता
अपने ख्वाबो को शिद्दत से चाहना है सफ़लता
उसी तरह जैसे एक माँ अपने अंश को चाहती है।
आने ख्वाबो को देर रात तक खुली आंखों से देखना है सफ़लता उसी तरह जैसे एक माँ अपने बच्चे को सुलाने के लिए देर रात तक जागती है।
सुनने में अजीब लगा होगा पर
जिस तरह अपने अंश को प्यार से गले लगाती है
अगर उसी तरह आपने अपने सपनो को जी लिया न तो सफ़लता आपसे ज्यादा दूर नही है।
एक पिता जब शाम को लौटकर अपनी बेटी की मुस्कान देखकर दिन भर की थकान भूल जाता है
अगर
उसी तरह आप दिन में एक बार अपने Aim/Ambition के बारे मे सोचकर फिर से ऊर्जावान हो जाये तो कल सफ़लता आपके किस्से सुनायेगी।
सफ़लता कैसे प्राप्त करे?
आपका Aim क्या है??
क्या है आपका Ambition??
Doctor बनना, Engineer बनना
टीचर बनना, वकील बनना
कहाँ पहुँचना है?
क्या करना है?
पहले गहन चिंतन कीजिए
मेरा ही उदाहरण सुनाती हु
M.Sc Maths और B.Ed
पर मुझे प्यार है मेरी कलम से
पर मुझे नही पता था मुझे करना क्या है
इस तरह आपमें से 70% लोगो को नही पता है उनका dream
आज बैंक की exam,कल पटवारी की
फिर फर्स्ट ग्रेड, कल नेट का exam
किसी न किसी मे हो जायेगा Selection
इसी का करते हम इंतज़ार
तभी कुछ और line पकड़ कर कर लेते हम रोज़गार
फिर कहते फिरते हमारी किस्मत में लिखा बस यही
बस यही गलती हम रोज़ करते है
तभी लक्ष्य तक नही पहुँच पाते है।
इसलिए अपना एक ही लक्ष्य रखो और उसे इस तरह सिद्दत से चाहो की कितनी बार भी पराधीनता की बेड़िया तुम्हे जकड़नी चाहे तो तुम ठहरो नही, फिर उठो, दोबारा कोशिश करो, जब तक करते रहो जब तक तुम मंज़िल तक न पहुँच जाओ।
जब कदम डगमगाने लगे?
कभी लहरों को देखा है, समुद्र कितनी बात उसे उछालता है, तेजी से, धीरे से, force/pressure लगा कर, तब हम कितने ही physics के law लगा लेते है पर हमने यह भी देखा है कुछ वक्त बाद लहरे फिर समुद्र की गहराई में उतर जाती है।
बस
उसी तरह हम जब हार जाए या निराश हो जाये तो हमे भी अवसर देखकर अपने ख्वाबो में डूब जाना चाहिए। जिंदगी जब उछाल मारे तो कुछ वक्त ठहर कर फिर धीमी गति से रफ़्तार पकड़कर सपनो को फिर गले लगाना चाहिए जैसे जब एक बच्चा माँ से रूठ जाता है तो वह माँ किस प्रकार उसे सीने से लगाती है।
मंज़िल तक कैसे पहुँचे??
जिद हो कुछ कर गुजरने की
अपने सपनो को सच कर जाने की
कोयल की तरह वक़्त पर उठ जाने की
अपने आलस को छोड़ जाने की
बन जाओ कायल उसके पीछे
जैसे भवरा पड़ता शहद के पीछे
फिर कोई न रोके, कोई न टोके
सफ़लता तुम्हारा ही चिट्ठा बटोरे
हर किसी के जहन में तुम्हारा नाम हो
तुम से ही कामयाबी की मिसाल हो
वक़्त भी तुम्हे देख मुस्कुराए
मंज़िल हँस के तुम्हे गले लगाए
दुनिया तुम्हारे नग्मे सुनाए
जग में तुम्हारा ऐसा नाम हो।