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Poem on Retirement | Poetry on Retirement

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poetry on Retirement in hindi

अल्फाज तो नही है मेरे पास आज कहने को
पर कुछ पंक्तियां आपके स्वागत में कहती हु
और आपको रिटायरमेंट की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं देती हु।

ए गुजरते हुए लम्हे,
जरा ठहरो, जरा ठहरो
कुछ पल ही सही,
कुछ वक्त ही सही,

आलम आज कुछ ऐसा सजाना है
इस दिन को एक यादगार दिन बनाना है
बहुत कुछ खास है आज
लम्हों का कोई मेहमान है आज
पलकों पे लेकर आसमान लाए है
चांद सितारे सारे साथ लाए है
दुआए के सारे सागर लेकर आए है
चोखट पे आपके खुशियों के गुलदस्ते लाए है

विदाई समोरह आज,
आने वाली लाइफ का गोल्डन पीरियड है
खुशियों के महके आपका घर परिवार
Retirement पे यही आरजू लेकर आए है।

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