Poem on Teachers Farewell in Hindi
एक दिव्य प्रकाश✨ का दिव्य हाथो हुआ पदार्पण है
ज्योत से ज्योत सजी सजा विद्यालय का प्रागण है
झिलमिल सितारे ⭐सारे करते आपको वंदन है
ज्ञान की अलख📝 जगाने वालो को मेरा सत सत अभिनंदन है ।
ज्ञान का समावेश📚 होता जिस भव्य मंदिर में
शिक्षा का होता जहा आदान प्रदान है
लाखो पीढ़िया शिक्षित होती
एक भव्य समाज का होता ऐसे निर्माण है ।👨👨👧👦
हम तो कोरे कागज़ थे✉, किनारा आपने दिखाया
हर एक फूल को पल्वित🍭 आपने बनाया
यह सिर्फ पाठशाला ही🏫 नही शिक्षा का मंदिर है
यहा हर एक फूल का अपना अलग ही अस्तित्व है ।
आज भी याद आती है वो क्लासरूम की बाते
वो वक़्त जिसमे हमे आप जैसे गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ
हर दिन कुछ नया सीखा, नीव यही से पड़ी थी
एक बंजर भूमि को उपजाऊ आपने ही तो बनाया था ।
2.
Short Poem on Teachers Day in Hindi
कभी शिक्षा का ऐसा रूप नहीं देखा है
जो सुपर ३० फिल्म में दर्शाया है
उड़ते परिंदो को मिला खुला आसमान है
हर जज़्बे को मिली कामयाबी की राह है।
एक गुरु जब शिक्षा की लो जलाता है
तो क्या सामान्य और उच्च वर्ग को देख के पढ़ाता है
फिर तो वो एक व्यापारी ही कहलाता है
जो शिक्षा से कर रहा अपना व्यापार है।
शिक्षा क्यों पैसो की मोहताज़ है
क्या इस पर नहीं सबका समान अधिकार है
फिर क्यों फिर रहे इतने बेरोजगार है
क्या शिक्षा बन गयी “ऊंची दूकान और फीके पकवान” है।
शिक्षा दिवस पर बस इतना ही कहना है ——
law of gravity की तरह शिक्षक करे मागदर्शन है
newton’s law से ख्वाबो को दे ऊंचा आसमान है
पेंडुलम की तरह रखे हर वर्ग को एक समान है
तभी शिक्षा को मिलेगा एक नया आयाम है।
और गुरु को मिलेगा सच्चा सम्मान है।
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