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Poem on Grandfather in Hindi

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दादा तुम अगर साथ होते….

 
 
poem on grandfather in hindi
जिंदगी हसाती है

 हर रोज़ नए नग्मे सुनाती है 
 फिर एक दिन ओखली में छिप
 तस्वीर बन कर रह जाती है….
 
फिर ख़ामोशी पहरा देती है
 हर रात वो जगाती है 
बीते साथ हर दिन की
 याद वो दिलाती है ….

 
दिल के रिश्ते ऐसे ही होते है 
 किसी के जाने से कहा खत्म होते है
 मिट जाती मिटटी न मिट पाती यादें 
 वो सदा के लिए अमर हो जाती है .
 
 सिमट लिए तेरे तस्वीर से है 
 कभी कभी रो लेते है
 दादा तेरी कमी को
 हरपल महसूस करते है … 
 
 इन हवाओ से कभी बात कर लेते है 
 अपने दिल का हाल चाँद से भी बया करते है
 हमारी आवाज कभी तो पहुचेगी आप तक 
 यही सोचकर अपने दिल को मना लेते है….
 
 आपकी कहानी को दुनिया करती सलाम है
 पर नहीं मिल पाया हमे आपका प्यार है 
 इसलिए ढूंढते है हमेशा आपको सितारों के बीच 
 रहेगा हमेशा इन आँखों को आपका इंतज़ार है … 
 
 Miss u dada
Poem on Grandmother in Hindi– दादी पर हिन्दी कविता/Miss you Grand Maa 
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Dadi Maa Par Kavita
  1. Poem on Dadi| Miss you Grandmaa

 कमल के समान सुवासित जिसका जीवन था

प्यार से सजा जिसके आत्मा का दर्पण था

मुश्किलों में रहा सदा जिसका संगम था

माँ के जीवनकाल का करते आज हम चित्रण है।

जीवन जिसका त्यागमय, करुणा की प्याली थी

सबकी चहेती हमारी प्यारी दादी थी

धीर,वीर, गंभीर और गुणों से परिपूर्ण

ममता से युक्त महिमा उनकी निराली थी।

सरपंच थे दादा तो धाक दादी की भी निराली थी

सो सो लोगो का खाना अकेले वो ही बनाती थी

बड़े प्यार से खाना खिलाती, बिना खिलाए कहा वो मानती थी

बस स्टैंड पे खड़े मुसाफिर को भी वो भरपेट खिलाया करती थी।

भाइयो की जान जिसमे बसती थी

बेटो की हसी जिससे दुगनी होती थी

बेटियों पे जो प्यार बरसाया करती थी

परिवार की रौनक उन्ही से होती थी।

खुशियों के इस आंगन को जिसने महकाया था

सिर्फ पोते नही पड़पोते, पडदोईते को भी लाड़ लड़ाया था

पारख कुल के इस वृक्ष की नींव वो गहरी थी

संस्कार देने में हम सबकी वो पहरी थी।

सुना हुआ घर आंगन, अब माँ कहकर किसे बुलायेंगे

वो आशीर्वाद देने वाले हाथ कहा से लायेंगे

किसके पास बैठकर अब हम घंटो बतियाँगे

नींद नही आने पर कौन हमे अब कहानियां सुनायेगा।

पुण्यवानी माँ की बड़ी ही निराली थी

98 साल में भी सजगता उनकी भारी थी

उनकी जीवन की बस एक ही तमन्ना थी

संथारा मरण ही मिले मुझे यही उनकी प्रबल भावना थी।

2. Poem on Grandmother in Hindi

फ़लक से उतरा एक सितारा,
जो आज फ़लक में समा गया
सारी जहाँ की खुशियां से हमे महका कर
आसमां में कही हो गया।
कैसे भूल जाये उस गुल्फ़त को जहाँ हर पल हर वक़्त वो हमारे साथ थी
कैसे भूल जाये उस चमन को जहाँ प्यार और अपनेपन से खिलता हर फूल था।

दादी अगर आप हमारी साथ होती तो यह गुलशन, यह नजारे कुछ और होती
यह बहती लहरे, यह लहराहती फसलें कुछ और ही कहती
हमे छोड़ के चले गए आप जो दुनिया से
आपकी कमी को हरपल महसूस करती यह पलके है।

फफक फफक कर दिल आज रोता है
आपकी कमी को हरपल महसूस करता है
किस्मत से नही कोई शिकवा फिर भी रहता आपका इंतजार
तभी तो आपकी याद में यह समा भी आहे भरता है।

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1 thought on “Poem on Grandfather in Hindi”

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