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Kavita on Life in Hindi

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Kavita on Life in Hindi, poem on life
Kavita on Life in Hindi
चाँद की चाँदनी रात में सितारो के बीच
महकती इन फ़िज़ा में बादलो के बीच
लहराते हुए सागर में लहरो के बीच
मंडराते हुए भवरो में फुलो के बीच
चहकते हुए पक्षियो में पेड़ो के बीच
नीलगगन में उड़ते हुए पंछी के बीच
लहराती हुए खेत के फस्लो में किसानो के बीच
खुशी के दीप में जलते हुए गम के बीच
आसमान से टपकती हुए बारिश के बूँदो के बीच
अंधेरी रात के बाद सूरज की पहली किरण के बीच
बर्फ़ीले पहाड़ में ओस के बूँदो के बीच
धरती माँ के गोद में खिलते हुए फुलो के बीच
शिखर पे विराजित उस हिमालय के बीच
भयानक सी सुरंग में अंधेरी रात के बीच
गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियो के बीच
लगता है
दुनिया कितनी खूबसूरत है……………….
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