हवाओं में एक अलग ही महक है, क्या प्रकृति भर रही इसमें रंग है
बहारों में एक अलग ही चहल पहल है
क्या मुस्कुरा कर आने वाला कल है
नज़ारों में एक अलग ही चमक है
क्या आ गया बसंत पंचमी का अंक है।
जी हाँ आज बसंत पंचमी का ही दिन है
सौंदर्य बिखेर रही धरती का फ़रमान है
पीले चादर ओढ़े खुशिया बिखेर रहा आसमान है
हवाए भी दे रही एक पैग़ाम है
नये नये फूलो से बसंत पंचमी का हुआ आगमण है।
पीले रंगों से सुसज्जित हो रहा आंगण है
अथितियों से खिल उठा विद्यालय का प्रांगण है
खुशियों का हो रहा आगमण है
पधार रहे पांडाल में हमारे खास मेहमानगण है।
तालियों के साथ स्वागत
करे हमारे आज के chief guest……. का ।
खिलते हुए नए फूलों के समान, मुस्कुराती शाम को देते नया आयाम, अथिति को हमारा कोटि कोटि प्रणाम, प्रकति में नए रंग भरके, खुशी के इन पलो में आप सबका साथ पाकर में जीनल आप सब की दोस्त और इस कार्यक्रम की host, बसंत पंचमी कार्यकम को अब start कर रही हु।
बसंत पंचमी हिन्दुओ का त्योहार है और शास्त्रों में इसे ऋषि पंचमी भी कहा गया है, इस दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है और पीले वस्त्र धारण किये जाते है।
सर्वप्रथम सरस्वती पूजन और दीप प्रज्वलन के लिए में संस्थान के अध्यक्ष….……..,मुख्य अथिति…….. और प्राचार्य को आमंत्रित करती हूं।
दीप प्रज्वलित हुए, हुआ नया सवेरा है
विद्यालय का प्रांगण रोशनी से हुआ उजयारा है
झिलमिल सितारे सारे करते आपको वंदन है
पधारे गए अथिति को मेरा सत सत अभिन्नन्दन है।
जैसा कि हमारे मारवाड़ की परंपरा रही है कि हम अपने अथिति का स्वागत करने में हमेशा तत्पर रहते है-
में……. sir स्व निवेदन करुँगी की वो ……..sir का माल्यापर्ण कर स्वागत कर।
स्वागत की इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए में ……. sir से निवेदन करुँगी की वो ……… को साफा पहनाकर उनका स्वागत कर।
अब में college की प्रिंसिपल……… से निवेदन करती हूं वो sir को स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत कर।
अब में mam से request करती हूं वो निर्णायक के रूप में अपना स्थान ग्रहण करे।
और में…..mam से रिक्वेस्ट करती हूं वो नियम संबंधी जानकारी की फ़ाइल mam को दे।
जैसा कि हमारे हिंदुस्तान की परंपरा रही है कि हम किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से करते है। तो में गणेश वंदना के लिए …….. और …….. को आमंत्रित करती हूं।
जिसका सबको था बेसर्बी से इंतज़ार
Candidates भी जिसके लिए तैयार
मंच पे मचाने धमाल और
Judges भी नंबर देने के लिए है बेकरार
चलो शरू करे डांस का प्रोग्राम
में …..को एकल नृत्य के लिए आमंत्रित करती हूं।
थैंक्स…. for the glorious performance
अब में कॉलेज की प्राचार्य ……. को निवेदन करती हूं वो उदबोधन स्वरूप दो शब्द कहकर हमे अनुग्रहित करे।
क्या चित्रण करू में mam आपका, आप खूद में विश्लेषित है
नारियल जैसी कठोर पर अंदर से सुरभित चंदन है।
अब मै आज की इस कार्यक्रम के मुख्य अथिति …….sir से request करुँगी की वो दो शब्द कहे।
क्या तारीफ़ करू में sir आपकी, अल्फ़ाज़ भी कम पड़ जायेंगे
आपकी उपलब्धि को बताने लगी तो सुबह से शाम हो जायेंगी
बस इतना ही कहना चाहुगी-
न हर समुन्द्र में मोती सदा खिलते है
न हर मंज़र में दीप सदा जलते है
पर जिनके खिलने से समस्त उपवन खिल उठे
ऐसे पुष्प उपवन में सदियों बाद ही खिलते है।
अब में परिणामो की घोषणा के लिए …. को मंच पे आमंत्रित करती हूं।
सबकी धड़कने थमी हुयी है
क्योंकि कुछ ही देर मे आने वाला है विजेताओं का नाम
इस पल का सबको है बेसर्बी से इंतजार
बिना देर किए mam अब घोषित करो result
अब में …..sir से request करुँगी की वो मंच पर आए और अथितियों का धन्यवाद ज्ञापन करे।
basant panchami quotes in hindi
प्रकृति प्रस्फुटित हो कर बिखेर रही खुशियां है
खिलने लगी गेंहू की अब बलिया है
चहक रहे सारे पशु पक्षी है
सोने सी चमक रही खेत मे सरसो की डलिया है।
फूले पर भवरे मंडराने लगे है
रंग बिरंगी तितलियां अब चहकने लगी है
कोयल मधुर स्वर में गाने लगी है
मोर नृत्य कर इठलाने लगी है
प्रकृति अब अपने रंग भरने लगी है
क्योंकि बसंत पंचमी की दस्तक होने लगी है।
Basant Panchmi Kavita in Hindi
चाँद की चाँदनी रात में सितारो के बीच
महकती इन फ़िज़ा में बादलो के बीच
लहराते हुए सागर में लहरो के बीच
मंडराते हुए भवरो में फुलो के बीच
चहकते हुए पक्षियो में पेड़ो के बीच
नीलगगन में उड़ते हुए पंछी के बीच
लहराती हुए खेत के फस्लो में किसानो के बीच
आसमान से टपकती हुए बारिश के बूँदो के बीच
बर्फ़ीले पहाड़ में ओस के बूँदो के बीच
धरती माँ के गोद में खिलते हुए फुलो के बीच
गंगा यमुना जैसी पवित्र नदियो के बीच लगता है प्रकृति कितनी खूबसूरत है
बसंत ऋतु के आते ही सौंदर्य बिखेरती धरती है।………………
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