गुरू की महिमा अपरंपार है। गुरु तो भगवान का जीता जागता रूप है ।माता पिता के बाद गुरु के आगे ही झुकता हमारा मस्तक है। अनंत ज्ञान के वो स्वामी, दुनिया के वो पथ प्रदशक है। तिरण तारण की वो जहाज़, सफ़लता का वो एक किनारा है। वृक्ष के समान शीतलता प्रदान करने वाला, संकट की छाया को दूर करने वाले है। दो शब्दों में छिपा जिसका अस्तित्व है, ज्ञान का अवलोकन कर दुनिया को प्रकशित करने वाला वह गुरु है।
दिया इतना कुछ इस दुनिया को जिसका मोल करना असंभव है, पाया इतना कुछ उनसे जिसका कर्ज़ चुकाना मुश्किल है। ज्ञान के अलौकिक प्रकाश से जिसने हमारी दुनिया को प्रकाशित किया था वह गुरु था। सफलता विफलता के बीच जिसने सफलता के राज़ बताये थे वह गुरु था। माता पिता हमारा सृजन करते है, हमे इस दुनिया मे लाते है, लेकिन गुरु हमे हमारा आभास कराते है, और ज्ञान का अनंत प्रकाश दुनिया मे चुहु और फैलाते है।
गुरु पर कविताएं – Guru Poem in Hindi
Hindi Poem on Guru
विद्यालय का वो पहला दिन जिस दिन स्कूल में हमारा दाखिला होता है उस दिन हम बहुत रोते है और जिस दिन स्कूल से हमारी विदाई होती है उस दिन भी हम बहुत रोते है क्यों।
क्योंकि
हम एक बेहतर इंसान तो बन गए है
पढ़ लिख कर विद्धवान तो बन गए है
अगर गिरते है तो संभलना सिख गए है
किस रास्ते पे चलना है वो भी समझ गए है
कहा इन्वेस्ट करना है और किस चीज़ से दूर रहना है यह भी सिख गए है
सही और गलत के बीच का फर्क करना सीख गए है।
पर इन सबका credit किसको जाता है
वही जो डेबिट कार्ड बनकर घूमता है
और हमारी सफलता में मंद मंद मुस्कुराता है
वह गुरु ही है
जो हमे एक बेहतर इंसान बनाता है।
हमसे हमारा परिचय करवाता है
सही और गलत के बीच का फर्क हमे बताता है
उंगली पकड़कर एक कक्षा से दूसरी कक्षा का सफ़र करवाता है
रास्ते मे आयी हर कठिनाई को हँसते हँसते पार करवाता है।
अगर गिर जाए तो
संभलना भी सिखाता है
वह गुरु ही है
जो अंधकार में भी रोशनी के दीप जलाता है।
हमारी गलती पे जो हमें डाँटता है
और सफ़ल होने पे प्रोत्साहित वही करता है
अगर निराश हो जाये तो पास आकर वो हमारे बैठता है
खुशियों से फिर हमारी मुलाकात करवाता है
हमे नयी ऊर्जा से भर देता है
फिर चलने का हौसला भी देता है।
हमे जीवन का ज्ञान देता है
हर परिस्तिथि में मुस्कुराने का विज्ञान देते है
मुश्किल सा पेपर थमा देते है
और solution का इंतज़ार करते है
हमारी सफ़लता का सपना पहले वो देखता है
हमारी उम्मीदों को किनारा वोही दिखाता है।
आज भी नम हो जाती यह आँखे
जब बात विद्यालय की आती है
आज भी जब निराश होती हु
तो आपकी कही हुयी हर बात बात याद आती है
क्योंकि
विद्याधन से अमूल्य कुछ भी नही
और गुरु जैसा इस दुनिया मे और कोई नही।
Guru Par Kavita
प्रकाशपुंज सा चमकता वो सितारा, दुनिया मे जो करता है उजाला
अंधकार रूपी साये से उठाकर, प्रकाशित करता जो जहांन है
शिक्षित करता है राष्ट्र को, संस्कारो का करता जो आदान प्रदान है
जिंदगी जीने की कला वो सिखाता, देता दुनिया को अनंत ज्ञान है।
अपनी उर की सौरभ से महकाता दुनिया की धरोहर को
शिक्षा रूपी अलौकिक ज्योति से जगमगाता लोक के स्वरूप को
हर शिक्षित युवक के जीने में उसकी कला नज़र आती है
हर आसमान के उड़ते परिंदे में उसकी कृति उजागर होती है।
फ़रिश्ता बनकर आया इस दुनिया मे, ज्ञान की अलख जगायी थी
जलता रहा मगर ज्ञान का प्रकाश जगत में फैलाया था
हमसे हमारा परिचय करवाया था और जिंदगी का पाठ सिखाया था।
निराश होने पर भी कर्मठ होना सिखाया था।
करता हो गुरु का अपमान, कैसे पायेगा वो दुनिया मे सम्मान
उनकी शिक्षा को जो व्यर्थ की साधना समझता है,वो कैसे पायेगा दुनिया मे उच्च स्थान
गुरु के चरणों मे सफलता की बुलंदियों को छूने की राह है
गुरु के चरणों मे जिसका रहता स्थान, सफलता उसी की दास है।
Poem on Guru in Hindi
टूटे थे हम अंतर आत्मा से, रूट थे हम जिंदगी से
गुरु ने दी थी रोशनी, अंधकार में भी दिव्य दीपक बनकर।
खो चुके थे आस जिन्दगी से, बिखेर दिए थे सपने सारे
गुरु ने राह दिखाई, जीने की कला सिखायी।
दर दर भटकते भटकते चकनाचूर हो गए थे,
गुरु ने आत्मविश्वास का झरना हमपे बरसाया था।
भयभीत हो गए थे दुनिया की ज्वाला से,
गुरु ने अटल आत्मविश्वास का मुकुट हमे पहनाया था।
डर गए थे जिंदगी की विफलताओं से,
तो गुरु ने हमे अपने आशीर्वाद से सफलता की बुलंदियों पे चढ़ाया था।
जिंदगी की शिक्षा हमने गुरु से वरदान स्वरूप पायी थी
हर कठिन घड़ी में जीना उन्होंने सिखाया था।
ज्ञान पाकर जीवन यापन अपना अच्छा हमने बनाया था
उनकी शिक्षा को पाकर एक दिव्य ज्योति अंतर आत्मा में हमने जलायी थी।
गुरु पूर्णिमा पर कविता
हर दिन कुछ नया सिखाते हो
जीवन का पाठ हमे पढ़ाते हो
रोज़ नयी ऊर्जा से भरते हो
और कठिन रास्तो में भी राह खोज लाते हो।
एक नन्ही सी कली को फूल आप बनाते हो
एक तितली को पंखों से उड़ना आप ही तो सिखाते हो
आसमान के तारे भी तोड़ लाते हो
अपने सपनो को हक़ीक़त में बदलने की हिम्मत आप ही तो देते हो।
ज्ञान का प्रकाश फैलाते हो
अंधकार को मिटाते हो
पढ़ने में अगर मन नही लग रहा हो तो
कभी कभी कहानियां भी तो सुनाते हो।
आप एक टीचर ही हो
जो अपना फर्ज बखूभी निभाते हो
जब कोरोना देश मे फैला हो तो
तब भी ऑनलाइन पढ़ाकर शिक्षा को घर घर तक पहुचाते हो।
Quotes on Guru Purnima in Hindi
- यदि माता पिता हमे चलना सिखाते है, तो गुरु हमे संभलना सिखाता है।
- यदि माता पिता हमारा पालन पोषण करते है तो गुरु हमे ज्ञान की अनोखी दुनिया दिखाता है।
- यदि माता पिता हमे सपने देखना सिखाते है तो गुरु उन सपनों को हक़ीक़त की तस्वीर पहनाता है।
- यदि माता पिता हमारा सृजन करते है तो गुरु हमे जीने की कला सिखाता है।
- यदि माता पिता संस्कार देते है तो गुरु उन संस्कारो में आत्मविश्वास, ओज और क्रांति का मिश्रण करता है।
- यदि माता पिता हमे संस्कारो की प्रतिछाया में पालते है तो गुरु हमे तराशा हुआ हीरा बनाते है।
Quotes on Teachers Day in Hindi
- गुरु तो वह प्रेरणाश्रोत है जो ज्ञान से प्रतिपादित करके हमारे जीवन को महकाता है।
- गुरु तो वह दिव्य दीपक है जो खुद आदिप्त होकर नया प्रकाश दुनिया को प्रदान करता है।
- गुरु तो वह प्रकाशस्तंभ है जो ज्ञान की अखंड ज्योत से प्रकाशित करता जहांन है।
- गुरु तो वह शीला है जहाँ संस्कारो का होता आदान प्रदान है।
- गुरु तो वह सितारा है जिसके ज्ञान रूपी प्रकाश से जगमगाता यह संसार है।
- गुरु तो ईश्वर का फरिश्ता है, जन्नत का सिरताज है, दुनिया का वो एक प्रकाश है, उज्ज्वल भविष्य की वो एक आश है।
- गुरु तो वह वृक्ष है जिसकी प्रतिछाया में हम ज्ञान को प्राप्त कर दुनिया का नया विकाश करते है।
- गुरु तो वह सागर है जिसके ज्ञान की कोई सीमा नही है।
- गुरु तो वो दिगंत आत्मा है, जिसकी प्रतिभा की प्रतिछाया में पलकर, संस्कारो का आरोहण कर ज्ञान का दिव्य प्रकाश पाकर हम बुलंदियों को छूते है।
- जिंदगी तो वो नन्ही सी कली है जो खुद खुदा बुनता है, माता पिता उसे गढ़ के एक प्यारा फूल बनाते है और गुरु उस फूल में आत्मविश्वास, ओज और क्रांति का मिश्रण करता है जिससे वह नन्हा फूल एक दिव्य प्रकाश बन लोगो को सन्मार्ग दिखाता है और भविष्य को उज्ज्वल प्रकाश के हाथों समपर्ण कर देता है।
Teachers Day Slogan in Hindi
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