1.Motivational Story of Husband And Wife in Hindi
heart touching love story of husband and wife |
पति और पत्नी में झगड़ा ही गया, झगडा इतना बढ़ गया कि पत्नी गुस्से में मायके चली गयी। पत्नी का मायका दूसरे शहर में था, जहा पहुँचने में चार से पाँच घंटे लगते थे। उसके एकदम मायके में देख सब आश्चर्यचकित हो गए थे। पत्नी अपने मायके में आराम से रह रही थी। माँ के हाथ के गरम गरम पकवान और जलेबी खा रही थी।
उसके वहां पहुचने के बाद lockdown लग चुका था, शायद lockdown भी उसके मायके आने का इंतज़ार कर रहा था। इधर उसकी अपने पति से बात की हुयी एक हफ्ता से भी ज्यादा हो गया था। उसके पति ने भी उसे फ़ोन नही किया था क्योंकि वो भी उससे बहुत नाराज था। पति घर पे अकेला ही था। उसे जो कुछ बनाना आता, उसे बना के किसी तरह अपना गुजारा कर रहा था।
पत्नी को अपने पति की याद सताने लगी, अपना ही मायका उसे अब काटने लगा था। उसने अपने पति को फ़ोन गुमाया, जब पति ने फ़ोन नही उठाया तो उसे अब पति की चिंता भी सताने लगी थी। उसके दिमाग मे कही तरह के ख्याल आने लगे और वो रोने लगी, आखिर बेटी का असली घर तो उसका ससुराल ही होता है।
उसे आज खुद पे बहुत गुस्सा आ रहा था, क्योंकि उसने गुस्से में आज बहुत बड़ा कदम उठा लिया था। कुछ देर बाद उसके पति का फ़ोन आया, और पत्नी जोर जोर से रोने लगी, पति ने कहा अरे पगली क्यों रो रही है, पत्नी बोली मुझे माफ़ कर दो, मैंने अपने गुस्से में, पति बोला अब परेशान होने की जरूरत नही है, तुम मायके में आराम से रहो और मेरी चिंता मत करना में ठीक हु। पत्नी बोली मुझे आपके पास आना है, अभी इसी वक्त, मुझे आपसे माफी मांगनी है, मुझे एहसास हो गया कि मे गलत थी, अब कभी भी ऐसी गलती न दोहराहोगी।
पति ने बोला पर अभी कुछ दिन वही ठहरो, जैसे ही lockdown खत्म होगा, में तुम्हे लेने आ जाऊंगा और पति ने फ़ोन रख दिया। दो महीने बाद, पति अपनी पत्नी को लेने आये, पत्नी अब पति के सात घर आयी। पत्नी अपनी पति से नज़र नही मिला पा रही थी, उसने अपने झिझक में चाय में शकर की जगह नमक डाल दिया।
वो चाय लेकर बाहर आयी और एक चाय अपने पति के सामने रखी,
पति ने जैसे ही चाय पी, वो एकदम गुस्से में आ गए, उसने अपनी पत्नी को चाय पीने को कहा, पत्नी ने एक सिप लिया, फिर क्या था, उसने कहा में दूसरी चाय बना के लाती हु, पति ने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ा और कहा, तुम ऐसे ही गवार रहोगी, पर हा आज की चाय भले ही मीठी नही है, पर नमकीन है बिल्कुल तुम्हारी तरह।जो हर रोज़ कुछ न कुछ करती रहती हो, फिर लास्ट में sorry बोलकर फिर मुझे मना लेती हो।
पर हा एक बात जरूर बोलता हूं,
मेरी अर्ध्रांगनी हो तुम, यह हसता जीवन भी तुम्ही से है
मेरी खुशियों का गुलज़ार, मेरी मुस्कराहट भी तुम्ही से है
अब कभी न जाना मुझे यु छोड़ के
गुस्सा जो तुमपे करू में, प्यार भी तुम्ही से है।
2. Inspirational Story of Husband Wife
एक बार एक पति पत्नी में झगड़ा हो गया, झगड़ा इतना बढ़ गया की पत्नी अपना ससुराल छोड़ के चली वो सीधे अपने मायके गए, अचानक बेटी को सामने पाकर माँ चिंतित हो गयी। क्योंकि उसकी शादी में तो अभी सिर्फ चार महीने ही हुए थे। पिंकी माँ के चेहरे पे आ रहे उतार चढ़ाव को पढ़ चुकी थी।और उसने प्यार से कहाँ मेरा सरप्राइज तुम्हे अच्छा नही लगा न।तुम्हारे जवाई का ही तो आईडिया था न माँ।
माँ बोली अच्छा कवर्सा ने भेजा है माँ निश्चित हो गयी थी। हफ्ते निकलने को आये थे, माँ ने पिंकी को पूछा,कवर्सा से बात तो करो पूछो उन्हें कब लेने आ रहे है तुम्हे। पिंकी ने कहा माँ इसकी कोई जरूरत नही है । कल सवेरे की ही फ्लाइट लेकर निकल रही हु।
पिंकी ने अपना सारा समान पैक किया पिंकी थोड़ी घबराई हुई भी थी।अब रोहित का सामना कैसे करेगीगलती उसकी भी तो थी। उसे गुस्से मे यू घर छोड़ के नही आना चाहिए था। रोहित मुझे लेने वही एयरपोर्ट पे आ जाएंगे।रोहित से बात करने की उसकी हिम्मत नही हुयी थी।उसने एक मैसेज रोहित को डाल दिया में कल इस फ्लाइट से वापस अपने घर को आ रही हु।
रोहित ने मैसेज पढ़ा और रीप्ले किया ठीक है पिंकी। पिंकी अगले सुबह अपने माँ बाप के घर से हँसी ख़ुशी विदा हो गयी थी। फ्लाइट में बैठ गयी थी पर आज उसका मन बहुत विचलित था। पर क्या करती माँ के घर और रुकना और उनकी परेशानी का कारण बनना वो ऐसा भी तो नही चाहता थी। रोहित ने एयरपोर्ट पे उसके लिए एक गाड़ी भेज दी थी। अब वह अपने घर वापस आ रही थी। क्या पता रोहित उसे आने देंगा या नही उसे माफ करेंगे या नही बस यही सब सोचकर वो जमीन में गढ़े जा रही थी। अब उसका घर आ चुका था। धीरे धीरे कदमो से गेट की तरफ बढ़ने लगी थी।
रात के दस बज गए थे तो रोहित भी घर आ चुका था। उसने बेल बजाई पर किसी ने गेट नही खोला उसने तीन बार बेल बजाई पर तब भी रोहित गेट पे नही आया उसने हाथ से धका दिया, गेट तो खुला ही था बस उसी के स्पर्श का इंतजार कर रहा था।
पूरा घर दीप से जगमगा रहा था। और सामने रोहित खड़ा उसका बेसर्बी से इंतज़ार कर रहा था। पिंकी ने कहा रोहित यह सब क्या है और तुम मुझे लेने क्यों नही आये ड्राइवर को क्यों भेजा रोहित ने पिंकी से कहा सारे question एक साथ मे ही कर लोगी। पिंकी ने कहा रोहित I am sorry मुझे माफ़ कर दो, में गुस्से में कुछ ज्यादा ही बोल पड़ी थी मुझे घर छोड़ के तो यू कभी न जाना था। रोहित ने कहा इसलिए में तुम्हे लेने न आया क्योंकि तुम्हे एहसास हो सके की छोटे मोटे झगड़ों में कोई घर छोड़ कभी नहीं जाता है।
इसलिए मैंने तुम्हें कभी भी फ़ोन नही किया। पर तुम्हारे हर लोकेशन का ध्यान रखा है तुम कब क्या करती थी, कब उठती थी यह सब मुझे पता है। पिंकी जोर जोर से रोने लगी, उसने कहा रोहित मुझे माफ़ कर दो तुमने मुझे डांटा क्यों नही और मुझे उस टाइम रोक कर एक झापड़ क्यों नही लगाया मुझे क्यों नही रोका तुमने, रोहित ने कहा पिंकी शांत हो जाओ, तुम्हें तुम्हारी गलती का एहसास हो गया है,मेरे लिए यही काफी है। रोहित ने पिंकी के आंसू पूछे और उसे अपने गले से लगा लिया।
तब पिंकी ने बोला, रोहित यह लाइट, यह केक यह सब क्या है तुम मेरी एब्सेंट में किसी और के साथ तो नही रोहित ने कहा,पगली आज हमारी शादी को छ महीने हो गए है।इसलिए तुम्हारे आने की खुशी में मैंने घर को सजाया है। आखिर मेरी अर्धागिनी हो तुम, यह हँसता हुआ जीवन तुम्ही से है
मेरी खुशी का गुलज़ार हो तुम, यह मुस्कुराहट भी तुम्ही से है
अब कभी न युही छोड़कर जाना मुझे
गुस्सा जो तुम पे करू, तो प्यार भी तुम्ही से है।
3.
Husband Wife true love story in Hindi
खुशी की शादी होने जा रही थी। हर तरफ़ खुशी का मौहोल था। शादी की तैयारियां जोरों पे चल रही थी। पर खुशी का मन बहुत उदास था, वो इस शादी से खुश नही थी।
खुशी राज़ से शादी नही करना चाहती थी पर परिवार की खुशी और मान सम्मान के खातिर उसे अपनी जिद्द छोड़नी पड़ी थी।खुशी किसी दूसरे लड़के से प्यार करती थी पर जिसे वो प्यार करती थी वो उसके लायक नही था और वो घर मे किसी को पसंद नही था।
आखिर वो दिन आ ही गया। खुशी की शादी बड़ी ही धूमधाम से हुयी। अब वो राज़ के साथ शादी के अटूट बंधन में बंध गयी थी।
अब विदाई का समय आया। खुशी के आंखों से आंसू की धारा बहने लगी थी। खुशी सबसे लिपट कर खूब रोयी। जाते जाते खुशी के दादाजी ने राज के कंधे पे हाथ रखा और कहा मेरी खुशी थोड़ी नादान, तभी राज़ बोल पड़ा खुशी का पूरा ध्यान रखूंगा और एक भी शिकायत का मौका नही दूंगा।
बस फिर क्या था, गाड़ी चल पड़ी एक नए सफ़र का काफिला लेके, जहा राज़ ने सपनो की दुनिया सजायी थी और खुशी ने अपने सपनो की बलिदानी दी थी।
गाड़ी अब एक सुंदर से घर के आगे रुकी, और सारे लोग खुशी का बेसर्बी से इंतज़ार कर रहे थे। क्यों नही करते आज नयी बहु का घर प्रवेश जो था। सारे रस्मे बहुत अच्छे से हो गयी।
अब खुशी को उसकी ननद अपने कमरे में ले गयी, गुलाब की भीगी भीगी खुश्बू से कमरा महक रहा था और खुशी के आने का ही इंतज़ार कर रहा था।
आज पहली रात थी, खुशी और राज के मिलन की, पर खुशी का मन बहुत बेचैन हो रहा था क्योंकि वो राज़ से प्यार नही करती थी। यह शादी तो बस परिवार की खुशी के लिए उसने की थी।
थोड़ी देर में राज़ कमरे में आया। खुशी का दिल तो मानो धड़कने लगा था। जैसे ही राज़ उसके पास आया, तो वो एकदम डर गयी और एकदम से उठी, तो उसकी साड़ी पास में रखे गुलदस्ता से अटक गयी और वो गुलदस्ता धड़ाम से गिर गया।
खुशी की मानो सिटी पिट्टी गम हो गयी, उसने कहा वो, अरे, I am sorry, उसका चेहरा देखने लायक था, वो जैसे ही कदम बढ़ाने लगी, राज़ ने उसे दोनों हाथों से उठा लिया, और कहा एकदम झल्ली हो, ठीक कहते है तुम्हारे बाबूजी!
दोनों जोर से हस पड़े, राज़ ने खुशी को पास में रखे सोफ़े पे बिठाया, और फिर पानी पिलाया, और कहा खुशी रिलैक्स, अपनी धड़कन से कहो शांत हो जाये, में तुम्हारा दोस्त ही हु, एक बार दिल खोलकर तो देखो। और कहा तुम पलंग पे सो जाओ, में यही सोफ़े पे सो जाऊँगा।
खुशी वो गुलदस्ता के बिखरे हुए कांच के टुकड़े उठाने लगी तभी एक टुकड़ा उसके हाथ मे चूब गया, और वो जोर से बोली अहा!! तभी राज़ झट से उसके पास आया, और धीरे से कांच का टुकड़ा निकालकर,उसकी उंगली को अपने मुँह में ले लिया, राज़ ने खुशी की और देखा, खुशी शर्म से पानी पानी हो गयी थी। राज़ ने कहा खुशी! यह तो पहली रात ही है, तुम ऐसी ही हो या!!
राज़ ने खुशी के मरहम पट्टी कर दी, खुशी ने राज को थैंक्स कहा, और राज़ ने कहा, हम धन्यवाद।राज़ ने आगे कहा खुशी एक बात का ध्यान रखना में सब कुछ सहन कर सकता हु, पर झूठ और चोरी मुझे पसंद नही है, इस बात का ध्यान रखना। खुशी ने तो झूठ का लिबास पहन ही रखा था, उसने झट से सर हिला दिया।
खुशी संस्कारो की बहुत धनी थी। उसने बहुत ही जल्दी घर मे सबका दिल जीत लिया था और घर मे सब उसके हाथ का खाना बड़े ही चाव से खाते थे और खुशी अब खुश रहने लगी थी।
पर रवि जिससे खुशी ने कभी प्यार किया था, उसने उसका पीछा न छोड़ा। वो हर दूसरे दिन खुशी को फ़ोन किया करता था, जिससे खुशी अब थोड़ी खीझने भी लगी थी, क्योंकि वो भी बिता कल भूला कर आगे बढ़ना चाहती थी।
रवि ने खुशी को मिलने के लिए बुलाया। खुशी ने पहले तो इनकार कर दिया पर बार बार आग्रह करने पर खुशी ने सोचा एक बार रवि से मिलकर सब कुछ खत्म करना ही ठीक रहेगा। खुशी ने राज को फ़ोन किया और कहा में अपने एक दोस्त से मिलने जा रही हु, आते वक्त थोड़ा लेट हो जायेगा। राज़ के पूछने पे उसने बताया वो रवि से मिलने जा रही है।
राज़ ने कहा ठीक है, खुशी अब निश्चित थी क्योंकि वो अपने पति को बता कर जा रही थी। खुशी रवि के वहा पहुँच गयी थी, जहा रवि पहले से ही उसका इंतजार कर रहा था ।
रवि ने खुशी से उसका हालचाल पूछा, और कहा, में तुमसे बहुत प्यार करता हु,तुम्हारे साथ बाकी की जिंदगी जीना चाहता हु। तुम बस हा कर दो, फिर देखो में क्या करता हु। खुशी ने कहा बस, और वो वहा से जाने लगी, तभी रवि ने कस के खुशी का हाथ पकड़ लिया, खुशी ने कहा मेरा हाथ छोड़ो, मुझे दर्द हो रहा है। पर रवि कहा मानता, उसे तो खुशी अकेले में मिल गयी थी, उसे तो यही चाहिए था।
तभी राज़ वहा आ गया और उसने रवि को कसकर झापड़ लगाया और राज़ को अपने सामने पाकर खुशी जैसे सन्न रह गयी । उसकी आंखें शर्म से झुक गयी और वो राज़ के पास पीछे जाके खड़ी हो गयी। राज़ ने रवि की अच्छे से बैंड बजाई और खुशी को घर चलने का इशारा किया।
राज़ खुशी को लेकर घर आया। राज़ आज बहुत गुस्से में था। उसने खुशी से कोई बात नही की और सीधे कमरे में आके सोफ़े पे लेट गया। खुशी शर्म से पानी पानी हो रही थी। वो राज़ के पास आयी और कहा राज़ I am sorry, मुझे माफ़ कर देना, मैंने तुमसे इतनी बात छिपायी। खुशी की आंखे अब बहने लगी। राज़ ने कहा खुशी कल तुम्हारे मायके जाना है, इसलिए जल्दी तैयार हो जाना, बाकी की बात कल करेंगे। यह कहकर राज़ सो गया। खुशी रात भर सोचती रही, कही राज़ मायके में जा कर सब कुछ बता तो नही देंगा, वो और डर गयी थी, पर अब क्या करती उसने गलती भी जो कर दी।
राज़ खुशी को लेकर अपने ससुराल के लिए निकल गया था। खुशी के आंखे राज़ ने पड ली थी, खुशी ने राज़ से कहा राज़, राज़ ने बोला हा बोलो, खुशी ने कहा राज़ कल रात की बात मेरे घर पे किसी को न बताना plzz, राज़ ने कोई जवाब नही दिया। खुशी का मायका आ गया था, जब बाहर कोई लेने नही आया, तो खुशी ने गेट पे धका लगाया तो सामने सब उसके इंतज़ार में पलके बिछाए हुए थे और उसे पहली वर्षगांठ की बधाइयां दे रहे थे। पर खुशी राज़ को आंखों से इशारा कर कुछ कह रही थी। खुशी के दादाजी ने राज को अकेले में बुलाया, उन्होंने राज़ को धन्यवाद कहा! यह सब जानते हुए भी खुशी किसी और से प्यार करती है, फिर भी तुमने मेरी बेटी को अपनाया!! तभी राज़ ने बीच मे कहा दादाजी आप मेरे दादा के दोस्त थे, और आप दोनों की असीम इच्छा थी मेरी और खुशी की शादी हो। में कैसे अपने दादा की इच्छा पूरी नही करता! दादाजी इतना ही बोल पाए शाबास बेटा!!
खुशी ने दादा और राज़ की बात सुन ली थी, और राज़ ने खुशी को जाते हुए भी देख लिया था। खुशी अपने कमरे में जाके रोने लगी, तभी राज़ वहां आया और उसने खुशी के आंखों से आंसू पूछे और अपनी बाहों में भर लिया। और कहा खुशी मुझे तुमसे कोई शिकायत नही है, तुम्हे पछतावा है, मेरे लिए यही बहुत है। खुशी राज़ के चरणों मे गिर गयी और कहा मुझे माफ़ करना, मैं तुम्हारे लायक ही नही हु, तब राज़ ने खुशी को उठाया और कहा, पर तुम्हारी जैसी झली लड़की मुझे और कहा मिलती। दोनों हस पड़े और राज़ ने खुशी का हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींचा और उसे अपने बाहों में भर लिया। राज़ और खुशी अब रवाना हो रहे थे। खुशी और राज़ को यू हँसते देख दादाजी ने सुकून की सांस ली।
I Hope you like this heart touching story of husband and wife . If you like my stories then plz like my Facebook page and subscribe my you tube channel also.
Read:
Inspirational Story in Hindi: https://nrinkle.com/2020/05/inspirational-stories-in-hindi/
Love Stories in Hindi: https://nrinkle.com/2019/12/4-love-stories-in-hindi/
Pingback: Sunil and Suman Ki Love Story In Hindi | Heart Touching Love Story in Hindi | Love Story in Hindi - NR HINDI SECRET DIARY
Comments are closed.