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Teacher’s Day Speech in Hindi | Speech by Teacher on Teacher’s Day in Hindi | Best Speech by teacher on Teachers Day

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अर्जुन जैसा धुरंधर और एकलव्य जैसा शिष्य
चंद्रगुप्त जैसा वीर और रानी लक्ष्मी बाई जैसी पराक्रमी
सूरज जैसा तेजस्वी महाराणा प्रताप
और चंद्रमा के समानशीतल रहने वाले महावीर स्वामी
इन सबको बनाने वाला, गढ़ने वाला, परख कर हीरा बनाने वाला, वह गुरु ही है,
और आज हम सब यहां शिक्षक दिवस बनाने के लिए ही एकत्रित हुए है।

आसमान की बुलंदियों को जिसने भी आज तक छूआ है
कमल के भांति जो भी आज तक खिला है
बढ़ते रहे कदम और बढ़ते रहे हम, जो हवा के संग चला है
वो लेकर मार्गदर्शन गुरु का ही, यहां तक पहुंचा है।

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त शिक्षक गण, पधारे गए अथितिगण और मेरे प्यारे विद्यार्थियों,

खुदा ने बहुत सोचा होंगा तब जाकर इस नायाब से तोहफ़े को जमी पर भेजा होंगा, कुदरत का फसाना है, गुरु के पास ज्ञान का अमूल्य खजाना है, मिल जाते मझधार में मोती उसे जो गुरु के मार्गदर्शन में पला है और पढ़ लिखकर बन जाते वो विद्वान जिसे गुरु ने खुद बनाया है।


क्योंकि एक छोटे से पौधे को गुरु हर रोज सींचता है, हर रोज पानी देता है, फिर एक दिन वह पौधा अपनी प्रकाश और ऊर्जा से जगत को रोशनी करता है, अपने ज्ञान और गुर के आशीर्वाद से फलीभूत होकर बुलंदियों को छुने का साहस रखता है और उसे प्राप्त करता है।
आज यहां बैठे समस्त गुरु के चरणों पे वंदन करती हु, अभिनंदन करती हु


गुरु के चरणों में सत सत नमन है
भावना से हमारा उनको अभिनंदन है
दुनिया के प्रकाश का करते हम गुणगान है
सारी दुनिया की और से उनको वंदन बारंबार है।

जिंदगी तो नन्ही सी कली है, जो खुद खुदा बुनता है, माता पिता उसे गढ़ के प्यारा फूल बनाते है, और गुरु उन फूलो में ओज और क्रांति का मिश्रण करता है, जिससे वह नन्हा सा फूल नित नई ऊंचाइयों को छूता है।

गुरु गोविंद दोनो खड़े में कांके लागू पाव
बलिहारी गुरुदेव के गोविंद दियो बताया

शिक्षक समाज का दर्पण होता है, अगर शिक्षक अपना काम सही तरीके से करता है तो वो कितनी पीढ़ियों को अपने ज्ञान से पलवित करता है और राष्ट्र का निर्माण करता है।

A,B,C,D,E,F अ, आ, इ, ई तुमको सिखाया है
रोते हुए आए यहां, तुम्हे गले लगाया है
सींच सींच कर एक ऐसा पौधा बनाया है
इम्तिहान से तुम न डरो, इतना मजबूत बनाया है
खिलते रहो तुम कमल के भांति, चरित्र निर्माण का पाठ पढ़ाया है
परिंदो के तरह आसमान में उड़ने का साहस तुम्हे दिखाया है।
एक टीचर ने अपना फर्ज बखूभी निभाया है
और इस विद्यालय ने हमें भी बहुत कुछ सिखाया है।

मुझे Dr APJ अब्दुल कलाम जी की वो पंक्ति याद आती है की जिस दिन आपके सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाए तो मान लीजिए आप कामयाब हो गए है।
आप सब स्टूडेंट्स से यही इस विद्यालय का। कहना है मेहनत ऐसे करो की दुनिया तुम्हारे नगमे सुनाए और हम टीचर्स तुम्हारे नाम लेते न थके, हम तो सिर्फ मार्गदर्शक है, रास्ता दिखा सकते है, पर रास्ते पे चलने का साहस तुम्हे दिखाना है,
कहा भी है,
एक नन्ही सी चींटी जब दाना लेकर चढ़ती है
चढ़ती दीवारों पे सो बार फिसलती है
चढ़ कर गिरना, गिर कर बढ़ना न अखरता है
आखिर उसकी कोशिश बेकार नहीं होती
क्योंकि कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती।।

अंत में इतना ही कहती हु और राष्ट्र के निर्माण कर्ता को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाइयां देती हु।

आपके हौसले में वही संकल्प चाहिए
जो बुझते हुए दीपक में भी उम्मीद की रोशनी जगा दे
जो धरती और अम्बर की दूरी को मिटा दे
जो लहरो का रुख मोड़ सके, डूबती हुई कश्ती को किनारा दिखा सके
जो मुर्दे में जान फूंक दे
आंधी तूफानो के साथ भीड़ जाए

माना कंधो पे भार ज्यादा है
गढ़ देंगे तो बन जाया घड़ा वरना रह जाएंगा बंजर
तराश दोगे तो बन जाएंगा हीरा वरना रह जाएंगा मामूली पत्थर
राष्ट्र निर्माण का दायित्व भी आपके इन दोनो हाथो में ही है।

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