सितारे महफिल में आज उतर आए
वक्त आज तेरा दीदार मिल गया
सुना था हमेशा जिनके बारे में
आज उन्हें सुन के वाकई इसे लगा
जैसे जमी पे सितारा खुद चल कर आया है
हमारे विद्यालय के प्रांगण में नूर उन्होंने बरसाया है
विधार्थी के चेहरे की मुस्कुराहट बया करती है
इस व्यक्तित्व के धनी को प्रणाम एक बार फिर करते है।
खुसनमा मौसम की खुशनमा बरसात की बूंदे हो आप
आसमान के सितारे और जमीन में बरसता नूर हो आप
मंच की शोभा और महफ़िल की शान हो आप
निर्मल sir आप सिर्फ मेहमान नही हो, बल्कि हम सबके दिलो में बसने वाले प्रेरणा हो आप।
न हर समुन्द्र में मोती सदा खिलते है
न हर मंज़र में दीप सदा जलते है
पर जिनके खिलने से समस्त उपवन खिल उठे
ऐसे पुष्प उपवन में सदियों बाद ही खिलते है।
नूर विद्यालय में आज बरसा है
मनीष sir जो इस प्रांगण में पधारे है
किन शब्दों में शुक्रयादा करु में आपका
अपना बहुमूल्य समय आपने जो दिया
तालियों से गूंज रहा यह प्रांगण है विद्यालय परिवार करता आपका अभिनंदन है
इस मंच को आपका मार्गदर्शन का अब इंतजार है
और हम सब विद्यार्थी करते आपको सत सत नमस्कार है।
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