अल्फाज तो नही है मेरे पास आज कहने को
पर कुछ पंक्तियां आपके स्वागत में कहती हु
और आपको रिटायरमेंट की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं देती हु।
ए गुजरते हुए लम्हे,
जरा ठहरो, जरा ठहरो
कुछ पल ही सही,
कुछ वक्त ही सही,
आलम आज कुछ ऐसा सजाना है
इस दिन को एक यादगार दिन बनाना है
बहुत कुछ खास है आज
लम्हों का कोई मेहमान है आज
पलकों पे लेकर आसमान लाए है
चांद सितारे सारे साथ लाए है
दुआए के सारे सागर लेकर आए है
चोखट पे आपके खुशियों के गुलदस्ते लाए है
विदाई समोरह आज,
आने वाली लाइफ का गोल्डन पीरियड है
खुशियों के महके आपका घर परिवार
Retirement पे यही आरजू लेकर आए है।
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