1.Poem on Corona Virus in Hindi for Competition
कोरोना वायरस कहर बन कर बरसा है
पूरी दुनिया में आज इसकी चर्चा है
वैज्ञानिक ढूंढ रहे इसका इलाज़ है
कितने ही लोग हो चुके इसके शिकार है।
कोरोना वायरस घूम रहा खुले आम है
हर देश में खेल रहा छुपा छुपी का खेल है
सांप और चमगादड़ का रोग है
फिर क्यों इंसानो की बस्ती में मचा इसका शोर है।
सन्देश फैला हर और —–
“यात्रा करते वक़्त मास्क पहने
जुकाम और सर्दी से पीड़ित व्यक्ति का तुरंत इलाज़ कराये
सांप और पक्षियों का सेवन न करे
किसी व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद बिना हाथ धोये अपने आँखों को न छुए।”
हम समझ कर भी क्यों अनजान है
क्यों करते बार बार अपनी जिंदगी से खिलवाड़ है
पशु को मारकर खाते उनके जबड़े है
तभी तो उनकी बीमारी बनी हम इंसानो का कल्चर है।
एक आदमी सूअर खाता है
बदले में स्वाइन फ्लू का तोहफ़ा हमे दे जाता है
प्रकति से करता जब जब इंसान छेड़छाड़ है
प्रकति दिखाती अपना विकराल रूप है।
इसलिए कहती हु —–
मासाहार खाना छोड़ दो
पशु को अपना आहार बनाना छोड़ दो
इन्हे भी खुल कर जीने दो आसमान में,
इनकी रूह से इनके प्राण निकालना छोड़ दो।
एक कदम शाकाहार जीवन की और
एक कदम प्रकति की सुंदरता की और
एक कदम गुहार लगाती नन्ही जिंदगी की और
एक कदम तड़पता हुआ गुलज़ार की और
एक कदम विश्व शांति की और
एक कदम पनपते हुए रोगो की और
एक कदम खुशियों की और
एक कदम सुरक्षित वातावरण की और
एक कदम आपकी सुरक्षा की और
एक कदम परिवार की सुरक्षा की और
एक कदम देश की सुरक्षा की और
एक कदम विश्व की सुरक्षा की और।
“आओ हाथ से हाथ मिलाये
शाकाहार जीवन का पुष्प खिलाये।”
Poem on Corona Virus- एक कदम शाकाहार जीवन की और |
2.Motivational Poem on CoronaVirus in Hindi
क्या हमने कभी सोचा है
दिन ऐसा भी आयेगा
रिश्तो की बगिया में
दूरिया वो कर जायेगा।
Vacation तो आया है
पर बच्चे ननियाल के लिये तरसे है
माँ की निहारती वो आंखे
बेटी मायके को तरसी है।
बहन करती भाई का इंतज़ार है
अब तो आयेगा उसका पैगाम है
पर खामोशी को अपने अंदर समेटकर
Whats app से करती दिल का इज़हार है।
महामारी यह कैसी आयी है
दोस्त दोस्त के लिए तरसा है
Online ludo खेलते हम
एक दूसरे से मिलने को मन बरसा है।
कलेंडर का नही हमे भान है
आज कोनसा वार किसे ध्यान है
पिंजरे सी जिंदगी हो गयी है
पंछी पूछ रहे कैसा तुम्हारा हाल है।
अब समझ मे आया पिंजरे का जीवन कैसा है
अपनो से बिछुड़ने का दर्द कैसा है
प्रकृति का पलटकर वार कैसा है
दुःखों का रंग कैसा है।
फिर करवट लेगा यह वक़्त है
रास्ते करेंगे हमारा इंतज़ार है
फिर सब्ज़ियों के थैले पे लगेगी लंबी कतार है
एक नए परिवर्तन के साथ होगा फिर जीवन का आगाज़ है।
Corona Poem in Hindi |
तू चलता जा रहा है कोरोना
नदिया, सागर को भी लांध कर
सृष्टि में आतंक फैला रहा है तू कोरोना।
जाना तुझे कहा है
तेरा अगला डेरा कहाँ है
मचाकर हाहाकार
अब तेरा इरादा क्या है।
डर रहा तुझसे अब इंसान है
तूने कर दिया सबको परेशान है
मचाया तूने हर जगह कोहराम है
तेरे आने से अस्त व्यस्त हुआ सृष्टि पे मानव जीवन है।
तेरी अज्ञानता का नही तुझे ज्ञान है
खुद का भी नही तुझे भान है
घूम रहा तू खुलेआम है
जबरन बन बैठा तू मेहमान है।
तेरी विदाई का कर रहे अब हम इंतज़ार है
अपनी प्रजाति में लौट जा, मत कर और तू प्रहार है
तुझपे हो रहा बड़ा धिक्कार है
तेरे आने से अरथी का हुआ इतना तिरस्कार है।
तुझको भी हो रहा है अब थकान का एहसास
कर के देख अब तू एक प्रयास
दूरियों का बन जा तू अब जासूस
और हमे खुल कर जीने का दे जा तू विश्वास।
4.. Corona Virus Poem in Hindi|Corona Poem in Hindi
दिन वो फिर आये है,
उदासी चेहरे पे छायी है
अकेला कोना मिले सिमटने को
देखो कोरोना कैसा आया है।
दूर रहना सबसे है
किसी को अब touch न करना है
एक बिछोना मिला बस सोने को
देखो कोरोना कैसा आया है।
तुम्हे कोरोना तो नही है
बुखार से तप रहा तुम्हारा बदन है
दो बर्तन मिले बस खाने को
देखो कोरोना कैसा आया है।
परहेज में प्रेम छिप गया गया
यू लगा जैसे बेदखल कर दिया है
लेकर उदास सा मन को
देखो कोरोना कैसा आया है।
वक़्त आगे निकल गया है
पर पीछे कोनसा रोग छोड़ गया है
घर ही आज हुआ safe है
देखो कोरोना कैसा आया है।
मंदिर, मस्ज़िद में जाना नही है
Social distancing का आज trend है
पूरी दुनिया मे छाया ख़ौफ़ है
देखो कोरोना कैसा आया है।
कठघरे में खड़े देश की मांग है
इंसान समझे इस का विज्ञान है
हम ही बदल सकते इस हवा का रूख है
देखो कोरोना कैसे आया है।
महामारी हर सवाल का जवाब है
हमने ही तो प्रकृति को किया बेहाल है
आज हमारे अत्याचार का वो दे रही मुँहतोड़ जवाब है
देखो कोरोना कैसे आया है।
रब अब तेरा इंतज़ार है
भक्त कर रहे तेरी पुकार है
मुश्किलो में जहां है
अब दिखा तू अपना चमत्कार है।
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