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Romantic Love Poem in Hindi |
1.Love Poem in Hindi for Boyfriend/Girlfriend
समुद्र की नॅफ्ज़ में प्यार का दीदार देखा है
2. Love Poem for Husband/Wife
कोई ले रहा साँसे है
एक अजीब सा एहसास है
शायद इसी का नाम प्यार है 💕
ढल रही शाम है
एक अजीब सा एहसास है
शायद इसी का नाम प्यार है 💕
जल रही आग है
एक अजीब सा एहसास है
शायद इसी का नाम प्यार है 💕
बादलों की बीछी सेज है
एक अजीब सा एहसास है
शायद इसी का नाम प्यार है 💕
बाहो में फिर लिपटी यह रात है
एक अजीब सा एहसास है
शायद इसी का नाम प्यार है 💕
❤️
यादो के आईने में अपनी याद छोड़ जाते है
दोस्त बनाकर जख्म हज़ार वो दे जाते है
विश्वास दिलाकर सपने सारे तोड़ वो जाते है
अपना बनाकर जोड़ दिया रिश्तो की दरकरार से
हमारे प्यार का यह आगाज़ लिखा उसने दुखो की ललकार से
हमारे स्वाभिमान का किया अपमान अपने दौलत के ईमान से
गम के सुरीले रेगिस्तान से किया खुशिया का उलंघन
वक़्त की तहज़ीब पर विश्वास का किया अनादर
विश्वास का यह तोहफा मिला हमे उनकी कयामत की डोर से
प्यार में बह जाने वालो को नफ़रत की ज्वाला में जलते हुए देखा है
हर सुबह हर शाम हर वक़्त विश्वास को मरते देखा है
अंधविश्वास की झोली में तक़दीर को उज़ड़ते हुए देखा है
हसरत की इस दुनिया में जालिम से ना करना तुम इकरार
खुशिया के इस दीप को मत बदल देना तुम मातम के मौहाल में
अंधविश्वास की डोरिया में झूल कर खुद को ना सौप देना तुम सौदेगर के हाथ में।
4.Best Love Poem| True love Poem in Hindi
क्यों दिल रोता है
ख़ामोशी आँखों से
फिर आहे लेता है।
क्यों प्यार करता है
नफरत की दीवारों से
फिर आहे लेता है।
क्यों फरमाइश करता है
स्वार्थ के एहसास से
फिर आहे लेता है।
प्यार हर स्वार्थ से ऊपर है
इसके लिए जाये तो जिंदिगी कम पढ जाये
यह एक बेशकीमती उपहार है।
5. Love Poem in English
तेरी परछाई हु में
तेरी ही बाहों में आहे भरती हु में
तेरे ख्वाबो का परिंदा हु में
तेरे ही आगे सर झुकाती हु में
तेरे रास्ते की हर मंज़िल हु में
तेरे किस्मत की लकीर हु में
ऐ मेरी जिंदिगी
तेरी तक़दीर हु में
दीप जलाये है मैंने
सजी हु तेरे लिए
नगमे बिखेर हज़ार
सवरी हु तेरे लिए
तेरी बाहों का गुलज़ार मिल जाए
ऐ मेरे सनम तेरा प्यार मिल जाए
तेरी हलकी सी मुस्कराहट मिल जाए
पूरी जिंदिगी तेरा साथ मिल जाए
तुझसे प्यार कितना यह बतलाये कैसे
ऐ जिंदिगी तुझे ग़स्ले लगाए कैसे
करीब तुम आते हो तो झुक जाती यह पलकें है
फिर लफज़ो में प्यार को बया करे कैसे
एक रात क्या नाराज़ हुए
पूरी दुनिया विरान हुए
वो ऐसा घुट पीकर
हम फिर बीमार हुए
दुनिया की नयी फ़िक्र है
यह कब किसी की हुई है
साथ बैठकर हसती
पीठ पीछे रोयी है
इतना ही कहना है
मेरे प्यार का इम्तहान मत लेना
कभी कुछ बिगड़ भी जाये
तो मुझसे सवाल मत करना
गिला भी है शिकवा भी है
फिर रजामंदी भी है
प्यार की कस्ती भी ऐसी है
मझधार है तो किनारा भी है।
फिर भी यह जिंदिगी जीती है मोहब्बत के नाम
क्युकी मोहब्बत से बड़ी कोई इबादत नहीं होती
और इससे प्यारी कोई जंजीर नहीं होती।
साये की तरह होती है मोहब्बत
हर रात मोम की तरह पिघलती है मोहब्बत
वक़्त की रेत पर पैर पसारती है मोहब्बत
उजाले की पहली किरण के साथ सिमट जाती है मोहब्बत
जवान दिलो की धड़कन होती है मोहब्बत
बुजर्गो की जीने की तमना होती है मोहब्बत
सबनम की तरह मोती बिखेरती है मोहब्बत
फूलो की खुशबू से महकती है मोहब्बत
शिकवा शिकायत का आलम सजाती है मोहब्बत
मन और दिमाग की जंग लड़ती है मोहब्बत
हार जाता दिमाग पर न हार पाती है मोहब्बत
फिर गले लगाकर इतिहास रचाती है मोहब्बत।
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