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विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर भाषण | Speech on Annual Day in Hindi

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आदरणीय प्रधानाचार्य जी, समस्त शिक्षक गण और मेरे प्रिय सहपाठियों।

सुप्रभात सभी को, मेरा प्रणाम।
पधारे गए विशिष्ट अतिथिगण का विद्यालय परिसर में हार्दिक स्वागत करती हूँ कि आपने अपना बहुमूल्य वक्त प्रदान कर न सिर्फ हमारे कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, बल्कि आपके आगमन से इस प्रांगण में नई ऊर्जा को ओतप्रोत कर दिया है, ठीक उसी प्रकार जैसे सूर्य पूरे आसमान को अपने प्रकाश से प्रस्फुटित कर देता है।

ज्ञान का समावेश होता जहां,
शिक्षा का होता जहां आदान-प्रदान है।
लाखों पीढ़ियां शिक्षित होती,
एक भव्य समाज का होता ऐसे निर्माण है।

जैसे कि हम जानते हैं कि वार्षिक उत्सव पूरे वर्ष का लेखा-जोखा होता है और इस उत्सव से विद्यालय की नई पहचान बाहर निकल कर आती है। पूरे वर्ष का निचोड़, श्रम, मेहनत, और कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन का निष्कर्ष निकाले या उन उपलब्धियों का जश्न मनाए जिन्होंने आसमान की बुलंदियों को छुआ है, या उन नींवों को प्रणाम करें जिन्होंने हर डाली को बखूबी सिंचा है, या उस प्रेरणा का परिणाम देखें जो मंच पर उभर रही है और इंद्रधनुष के रंग बिखेर रही है।

वार्षिक उत्सव एक आगाज है, एक आवाज है।
उपलब्धियों की स्याही से लिखा जाने वाला कागज़ है।
हर एक ईंट को जोड़कर खड़ी की जो अनुशासन की दीवार है
विद्यालय की निरंतर प्रगति का यही एक सूत्रधार है।

इस विद्यालय की नींव 20 वर्ष पहले रखी गई थी और आज यह विद्यालय इलाहाबाद के टॉप 10 विद्यालयों में संकलित हो गया है, जिसका श्रेय यहां के शिक्षकों को जाता है, जिन्होंने हर डाली को बखूबी सिंचा है और स्किल्स और मेहनत का निचोड़ बना कर एक ऐसा घरौंदा तैयार किया है, जिसका बेजोड़ बनाना शायद मुश्किल ही होगा। मैं आज उनकी मेहनत और निष्ठा को वंदना करती हूँ और चार पंक्तियाँ उनके लिए कहती हूँ:
सफलता का मूलमंत्र का खजाना इनके पास रहता है।
जो हाथों में आ जाए, उनके वो कोहिनूर बन जाता है।
पत्थर में शबनम के फूल खिलाने का साहस जो रखते हैं,
इन्हें अद्भुत व्यक्तित्व के धनी हमारे यहां के टीचर्स हैं।

उनके बाद, हमारे प्यारे विद्यार्थियों, जो हमारे इस विद्यालय की शान में चार चांद लगाते हुए ही नजर आते हैं, जिन्होंने अध्ययन के साथ अन्य गतिविधियों में समय-समय पर अपना लोहा मनवाया है, उनका निरंतर प्रयास और खुद पर विश्वास और अनुशासन में जीवन और गुरु का सानिध्य पाकर अपनी कुशलता और अपनी सूझबूझ से कितने खिताब अपने नाम किए। ओलंपियाड की परीक्षा में चार विद्यार्थियों ने गोल्ड मेडल, 10 ने सिल्वर मेडल जीते। हमारे यहां के बच्चे नेशनल लेवल तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। फुटबॉल में पूरे भारत में हमारी यह टीम विनर्स बनकर पूरे इलाहाबाद का मान बढ़ा रही है। शिक्षा के दृष्टिकोण सेदेखें देखें तो हमारे विद्यालय ने टॉप स्कूल ऑफ इलाहाबाद का खिताब भी अपने नाम किया है। अगर विद्यालय की उपलब्धियों की बात करती रहूं तो सुबह से शाम हो जाएंगी, इसलिए संक्षिप्त में अपनी बात रख रही हूँ और हमारे सभी विनर्स को हार्दिक बधाई देती हूँ और इतना ही कहना चाहती हूँ।

कुछ पाना है, कुछ कर दिखाना है,
इस दुनिया में अपना नाम कमाना है।
बहुत से अरमान हैं दिल में, और बहुत से सपने,
बहुत कुछ करना है इस छोटी सी जिंदगी में।
आसमानों को छूना है, मंजिल को पाना है
हौसले से अपने पैर मंजिल की ओर बढ़ाना है
मंजिल मिलेगी मुझे, पूरा यह ऐतबार है
खुद पे ही नहीं, खुदा पर विश्वास है
मेहनत और लगन यह जिंदगी के दो पहलू
इससे हम अपना भविष्य उज्ज्वल बनाएंगे
और एक दिन खुद पे नाज करेंगे और दुनिया पे राज करेंगे।

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