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Speech by Chief Guest in Hindi | स्कूल वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाषण कैसे दिया जाता है

Speech by Chief Guest in Hindi, Chief Guest Dwara Bhashan

सुप्रभात
सम्मानित मंच, पधारे गए अतिथिगण और मेरे प्यारे विद्यार्थियों।

आज इस विद्यालय में आकर एक अलग ही ऊर्जा का आभास हो रहा है जो मंच पर उभरती हुई नजर आ रही है। जैसे इंद्रधनुष अपने रंग बिखेर देता है वैसे ही यहां के विद्यार्थियों ने न सिर्फ अपने रंग बिखेरे बल्कि अपने परफॉर्मेंस से सबका दिल जीत लिया, जिसका प्रमाण यह बजती हुई हजारों तालियां और “once more, once more” कहती यह ऑडियंस है।

यहां की प्राचार्य की बात करूं तो आपने न सिर्फ इस विद्यालय की नींव रखी, बल्कि ज्ञान और अनुशासन का ऐसा समावेश किया जो अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलता। हर एक ईंट को जोड़कर ऐसी दीवारें बनाई हैं, जहां अगर पक्षी भी भूल से आ जाए तो अनुशासित होकर ही जाता है। स्किल्स और शिक्षा का ऐसा निचोड़ बनाया जो पूरे इलाहाबाद के लिए मिसाल बन गया है। तभी तो पार्लियामेंट में भी इस विद्यालय की चर्चा हुई है।

विद्यार्थियों को बस इतना ही कहना है:
शिक्षा समाज का दर्पण है और बच्चे समाज का आधार स्तंभ हैं। इसलिए गुरु के सानिध्य में ज्ञान का संचय कर उन्हें व्यावहारिक जिंदगी से भी जोड़ने की कोशिश करते रहो। शिक्षा बुझते हुए दीपक में उम्मीदों की रोशनी जगा देती है, धरती से अंबर की दूरी को मिटा देती है, डूबती हुई कश्ती को किनारा दिखा देती है, और राष्ट्र निर्माण में
मील का पत्थर साबित होती है।

इसलिए खूब पढ़ो, खूब आगे पढ़ो। हर क्षेत्र में, चाहे वो खेल खुद हो, चित्रकला हो, वाद-विवादहो, सबमें आगे बढ़ो और उन्नति के हर शिखर को छूने का प्रयास करते रहो।और इस विद्यालय की तरक्की और प्रगति के राह परचलतेरहो और मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहे इन्हीं शुभकामनाओं के साथ दो पंक्तियां अर्ज करती हूं:

एक नन्ही सी चींटी जब दाना लेकर चलती है
चलती दीवारों पे सौ बार फिसलती है
चढ़कर गिरना, गिरकर बढ़ना न अखरता है
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
क्योंकि कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती।

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