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Retirement Speech in Hindi | Poem on Retirement in Hindi | Heart Touching Speech on Retirement in Hindi

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कब वर्ष, कब महीना, कब तारीख बदल गई
देखते ही देखते बिछड़ने की घड़ियां नजदीक आ गईं
आज इस रिटायरमेंट समारोह में कुछ पंक्तियां याद आ गईं
खूबसूरत पलों का गुलदस्ता बन प्रांगण में समा गईं।

Mam,
कहने को तो यह एक रिटायरमेंट होगा
हमें अलविदा कहकर नई जिंदगी का शुभारंभ होगा
पर यह ऑफिस की जो ईंट है न,
वो विदाई नहीं दे पाएंगी आपको
यह दीवारें बार-बार
आपकी याद दिलाएंगी
और वो गेट
जिसके बजते ही
जब पूरा ऑफिस डिसिप्लिन होकर अपना कार्य करने लगेगा
तो यह खिड़कियां भी हवा के हल्के झोंके से आपकी उपस्थिति दर्ज कराएंगी
और धीरे से कान में आकर गुनगुनाएंगी।

खामोशी से बस तू मेहनत करता जा, अगर तेरी काबिलियत में दम है तो तेरी कामयाबी ही काफी है दुनिया में शोर मचाने के लिए।

Mam, आपकी मौजूदगी में पत्थर में शबनम को पिघलते हुए देखा है
ऑफिस की दीवारों में कामयाबी का रुतबा देखा है
घड़ी के साथ कार्य करने का जज्बा देखा है
कागजी फूलों में सफलता के मूल मंत्र अपनाने का सलीका देखा है
बजती हजारों तालियों में आपकी कर्तव्यनिष्ठा देखी है
और ऑफिस की तरक्की के हर रास्ते में मैंने आपको मेहनत की मशाल जलाते देखा है।

अंतिम कुछ पंक्तियां आपकी विदाई में कहती हूं और इस दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं देती हूं।

नभतल में सारे तारे निकल आए हैं
सितारे सारे इस प्रांगण में चारों ओर छाए हैं
आसमान पूरा धरती पे उतर आया हो
देने आपको ढेर सारी दुआएं हों
खुशियां नूर बनके बरस जाएं जीवन में
पूरा ऑफिस देता आपको ढेर सारी शुभकामनाएं हो
Mam, आपको इस दिन की ढेर सारी बधाइयां हों।

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