हवाओं को, फिज़ाओ को, घटाओ को नाज़ है तुम पर
बहारों को, सितारों को, नज़ारों को नाज़ है तुम पर
ओ इस जगत के देदीप्यमान सरोवर
अमन के चमन को गगन की वसुंदरा को नाज़ है तुम पर।
सम्मानित मंच और भाई बहनों सादर नमस्कार
आज यह बताते हुए अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है की हमारे प्रिय कमल जी, गुणों की खान, इस कार्यालय की शान और हम सबकी पहचान और आज बन गए देश का अभिमान है। आपका सम्मान उन शब्दों में नही जो आपके सामने कहे जाते है बल्कि उन शब्दों में है जो आपकी गैर मौजूदगी में कहे जाते है।
आप हमारे समाज के वो कल्पवृक्ष है जो हर बाग में नही खिलते है, वो खुशनसीब है जिन्हे आप जैसा नेता मिलता है।
आज इस शुभ अवसर पर आपको ढेरों बधाईयां देता हु, पूरे रामनगर को बधाईयां देता हु और पूरे देश को बधाई देता हु और आपके उज्वल भविष्य की शुभकामना करता हु। आप निरंतर आगे बढ़ते रहे, इन्ही शुभकामनाएं के साथ
जय श्री कृष्णा जय श्री राम
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