आकाश से सिमटकर, हवाओं से लिपटकर, खुशियां का कारवां लेकर इतने सारे सितारे एक साथ कहाँ जा रहे है, किस महफ़िल में अपनी रोशनी बिखेरने जा रहे है।
अरे सखियों तुम्हे नही पता
चल रहे अभी वो नो दिन है
जहाँ दुर्गा माता का होता श्रृंगार है
क्योंकि माँ ने किया महिषासुर का नाश है
लाल चुनरी से किया जाता माँ को सुसज्जित है
और आभूषण से बढ़ता उसमे निखार है
गरबे खेलने का विधान है
औरते करती सोलह श्रृंगार है
और माँ को करती प्रसन्न है
और जीवन में भर देती खुशियों के नए रंग है।
आज का दिन गरबे के नाम
A warm welcome to honourable chief guest, all judges and all my colleagues . Let’s brings all color together and make this garba mahotsav memorable.
So before starting of program, let’s join your hands and pray together and
Take the blessings from maa durga.
Thanku everyone
खुशियों ने नग्मे बिखेरे,
सितारों ने महफ़िल लगायी है
इस गरबा महोत्सव में
चंदा ने भी अपनी चारपाई लगाई है।
Now I request honorable chief guest to come on stage and bring enthusiasm and energy in participants and tell us more about navratri.
Thanku so much sir,
क्या तारीफ़ करू में sir आपकी, अल्फ़ाज़ भी कम पड़ जायेंगे
आपकी उपलब्धि को बताने लगी तो सुबह से शाम हो जायेंगी
बस इतना ही कहना चाहुगी-
न हर समुन्द्र में मोती सदा खिलते है
न हर मंज़र में दीप सदा जलते है
पर जिनके खिलने से समस्त उपवन खिल उठे
ऐसे पुष्प उपवन में सदियों बाद ही खिलते है।
खुशियों से सजी शाम है
सितारों ने लगायी अपनी मेज है
हवाओ ने बिखेरे खूबसूरती के नए रंग है
क्योंकि आज गरबा महोत्सव की हो रही शरुआत है।
Now I request principal sir to give batches to all participants and I request sunita mam to give files to judges and and make them understand the marking scheme for this competition.
Now, I invite mishra sir to announce the results and I request principal sir and honourable chief guest to give awards to winning team.
Before the end, some lines for maa durga
यह सिर्फ नो दिन नही बल्कि इनसे जुड़ी हमारी मान्यता है और माँ के लिए हमारे दिल मे छाया असीम प्यार है।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता, सुख सम्पति करता।
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