एक बार की बात है में और मेरे और मेरे कुछ दोस्त कॉलेज के बगीचे में गपशप कर रहे थे और पेड़ के नीचे बैठ ठंडी ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे।
तभी हमने देखा वहां एक चिड़िया काफी देर से ची ची कर रही थी और मानो कुछ कह रही थी।पहले तो हमने उस और ध्यान नही दिया पर जब वह नही रुकी तो हमने उस पेड़ के चारो और देखा, चिड़िया का बच्चा पेड़ से गिर गया था और उड़ने के लिए छटपटा रहा था। और खून से लथपत हो गया था। मेरा एक दोस्त कॉलेज के भीतर से जल्दी से मेडिकल किट ले आया और एक दोस्त ने बड़े ही प्यार से उसके घाव पे मरहमपट्टी कर दी और उसे एक सुरक्षित स्थान पे बैठाया।और उसे सहलाया, यह सब उस नन्ही चिड़िया की माँ देख रही थी, और उसका ची ची भी अब कम हो गया था।
कुछ दिनों तक हमने उसका ध्यान रखा और उसे दाना पानी भी डाला, और फिर एक दिन वो फुर से उड़ गया, अब उन नन्हे पंखों में जान आ गयी थी। और उसकी माँ उसे देख कर खुशी के आंसू से भीग गयी थी और अपने बच्चे को दुलार रही थी और अपनी भाषा मे हमे धन्यवाद कर रही थी।
तभी जीवन का एक और पाठ समझ आया पशु पक्षी में भी इमोशन्स होते है, उन्हें भी दर्द होता है, इस लिए उनको परेशान नही करना चाहिए ।
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