Poem for Daughter Marriage in Hindi | शादी में पिता द्वारा बेटी के लिए कविता | poem for daughter on her wedding day in Hindi
आज के दिन का हर माँ बाप को रहता इंतज़ार है
खुशियों के पलों में लिखा जाता नया गुलज़ार है
क्योंकि बेटी होती है कुदरत का अमूल्य वरदान है
माँ बाप के जिगर का टुकड़ा, बसती उसमे परिवार की जान है।
Today is very special day dedicated to our precious daughter.
चंद पंक्तिया अपनी बेटी के नाम
जिसके लिए सजी है यह सुंदर सी शाम
चाँद भी धरती पे उतर आया है
तारों ने अपनी महफ़िल लगायी है
तोहफ़ों में ढेर सारी
प्यार और दुआ का हार लाया है
क्योंकि बेटी होती है बहुत खास
जीवन का यह होती है अदभुत एहसास
खुशियों की होती है यह फुलवारी
आंगण में करती है यह किलकारी
आज हो रही है उसकी विदाई
ये कैसी है जुदाई
भगवान ने रीत यह कैसी बनाई
बेटियां कब होती है पराई
माँ बाप के कलेजी की कौर
आज बन जायेगी किसी और घर की डोर
बाबुल की बगिया सुनी कर
खुशियों से महकाएंगी अपना नया घर संसार
आंखों में खुशियों के आंसू भर आये है
दामाद जी जो घर आंगण आये है
थाम लो इस पल को एक बार जी भर के
बेटी के साथ आज बेटे का भी साथ जो पाया है।
ऐसे ही खुश रहो तुम दोनों
बस यही आशीर्वाद देते है
तोहफ़े में दामाद जी आपको
हमारे जिगर का टुकड़ा, अपनी बेटी का हाथ आपके हाथों में देते है |
Beti ki Vidai pe Kavita | Poem for Sister Marriage | Hindi Poem for Daughter Wedding
दुनिया की परंपरा पर किंचित अतिशयोक्ति हम न करेंगे
बिटिया है अमानत किसी और की, गरिमा है वो एक परिवार की
रूढ़िगत परंपरा का सिलसिला है, बिटिया तो इस घर का गहना है
छोड़ चलना आज बाबुल का घर तुम्हे, इस परिवार का यही कहना है।
पापा की हो तुम लाड़ दुलारी, माँ की तुम सुपुत्री न्यारी
दादी की आंखों का तारा, दादा की हो तुम सबसे प्यारी बिटिया
हर ह्रदय में अंकित होता प्यार का सुनहरा दीपक हो तुम
हर आंख से बहते अश्रु के सुनहरे मोती हो तुम।
आज इस घर की चोहहदी पे झिलमिलाया एक सितारा है
बिटिया हमारी विदा हो रही सबका मन मुस्काया है
छोड़ कर बाबुल का आंगण, ले गया कोई सुनहरा साजन
सात फेरों की रीति में बंध छोड़ चली आज वो बाबुल का आंगण।
आपकी अमानत से आज आपको सुशोभित करते है हम
इस घर की बिटिया को आज आपको अर्पण करते है हम
गलती हो जाये इससे कभी तो माफ आप कर देना
बस यही दुआ और यही आशा आप सब से करते है हम।
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