Hindi Women Story-रीना की वो पेंटिंग
Hindi Women Story |
मत मरने दो सपनो को
उन्हें खिलकर फिर हसने की वजह दो
बंद कमरों में सिसकिया लेना बंद करो
खुले आसमान में अपने सपनो को उड़ने दो
माना मजबूरिया बहुत होगी
यह सब इतना आसान नही होगा
पर अगर तुम थान लो न नारी
तो लोहे को भी पिघलना नामुमकिन नही होगा।
मेरी आज की कहानी सपने और जिम्मेदारी के बीच की कशमकश से लड़ती हुयी रिना की है। रीना की शादी को 7 वर्ष हो गए थे, शादी के बाद उसकी जिंदगी जैसे बन्द दीवारों का सबाब बन के रह गयी थी।
सुबह उठना, सबके लिए नाश्ता बनाना, फिर सबका टिफ़िन तैयार करना, अपने 3 वर्ष के बच्चे को स्कूल भेजना, फिर घर के बचे हुए काम निपटाना तब तक घड़ी में 2 बज जाया करती थी। चार बजे फिर वही रसोई उसका इंतजार कर रही होती, वो अनधुले बर्तन जैसे उसे पुकार रहे होते और मेज पे सब उसकी हाथ की बनी चाय का इंतजार कर रहे होते। वो सबकी needs पूरी करती पर इन सब के बीच पे उसका पेंटिंग का शौक जैसे बंद दीवारों की सजावट बन के रह गया था, जिसको साफ करने का उसे वक़्त नही मिल पाता था।
पर रीना के मन मे कही न कही पेंटिंग का शौक़ उमड़ रहा था। उसने अपने पति को इस बारे में बताना चाहा पर उसके पति ने उसे निरुत्तर कर दियाऔर कहा तुम पेंटिंग करोगी,तुम्हारे पेंटिंग को कौन देखेगा,तुम्हारे पेंटिंग को कौन लेना चाहेगा तुम्हारी पेंटिंग को। इतना हुनर तुममे कहा,तुम तो बस घर, परिवार संभाल लो वोही बहुत है ऐसे शौक नही पालो तो ही अच्छा है।
रीना रोहित की बात सुनके जैसे हिल ही गयी थी, रीना उस दिन बहुत रोयीं क्योंकि उसकी respect घर मे सिर्फ नाम मात्र की थी। सबकी needs पूरी करते रहना और अपने सपनो को रौंदते हुए चलना क्या यह सही था।
वो रात भर सोचती रही और उसने थान लिया कि वो अपने सपनो को और नही रोंदेगी।
वो रात दिन सबके सोने के बाद खाली कमरे की खाली दीवारों के बीच पेंटिंग बनाती थी और उसने कुछ दिनों में एक ऐसी पेंटिंग तैयार करी जो अपने आप मे एक मिसाल कायम कर रही थी उसने उस पैंटिग में दिखाया कैसे एक नारी घर के कार्य और अपने शौक को बराबरी के तराजू में तोल रही थी।
कुछ दिन बाद शहर में एक exhibition लगी और उसने चुपचाप वह पेंटिंग exhibition में भेज दी और वह पेंटिंग पूरे एक लाख रुपये में बिकी और बेस्ट पेंटिंग of month का अवार्ड उसे मिला।
जब रोहित को यह पता चला कि रीना की पेंटिंग पूरे एक लाख रूपये में बिकी जो उसकी दो महीने की सैलरी है तो वह आश्चर्यचकित हो उठा क्योंकि बिना किसी support के रीना ने अपनी अलग ही पहचान कायम कर दी थी।
क्यों आंसूं बहाती है
क्यों दुनिया को तू न दिखलाती है
अपने जज़्बे का डमरू बजा
वक़्त आज तेरा आया है।