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1.Love Story in Hindi-कहानी हमसफ़र

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 मोहित सीमा को ब्याह कर अपने शहर लाया था । सीमा गाव की सीधी साधी लड़की, शहर के तौर तरीके से अनभिज्ञ अपने ही धुन में रहने वाली थी । मोहित उच्च वर्ग के धनी कुलीन परिवार से था । मोहित बहुत ही समझदार था। और अपने इसी खूबी के कारण घर में सबका चेहता था और  कार्यक्षेत्र में भी सबका केंद्र बिंदु था ।

मोहित ने अपनी शादी की खुशी में एक छोटी सी पार्टी रखी जिसमे उसने अपने सारे colleagues और office staff को भी निमंत्रण भेजा था । मोहित यह भलीभांति जानता था कि सीमा शहरी पहनावा से परिचित नही है । इसलिए वह खुद सीमा के लिए एक प्यारा सा gown खरीद कर लाया और उसे शहरी लोगो के आकर्षण का केंद्र बनाने में उसकी  सहायता की ।

सीमा थोड़ा uncomfortable महसूस कर रही थी पर मोहित का प्यार और उसका साथ और उसकी प्यार भरी बातें उसकी जिझक और उसके डर  people opinion about her, everything will be fine, how she will manage??  को थोड़ा कम कर रहे थे ।

 सीमा और मोहित अब पार्टी में पहुँच गए थे। सब उसे शादी की बधाईया दे रहे थे । सीमा बीच बीच मे अपने कपड़े ठीक कर रही थी और थोड़ी घबरा रही थी । मोहित उसके हाव भाव से उसकी मन की बात समझ चुका था इसलिए उसने सीमा का हाथ थाम लिया ।सीमा की घबराहट और उसके चाल चलन को प्रेरणा जो मोहित की दोस्त और office में उसकी colleague थी उसे देख रही थी और उसे समझते हुए देर नही लगी । प्रेरणा मोहित को दिल दे चुकी थी पर मोहित उसे पसंद नही करता था, क्योंकि वो बहुत घमंडी और गुस्सेल थी । पर जब मोहित ने सीमा का हाथ अपने हाथ मे लिया तो प्रेरणा आग बबूला हो गयी । उसने एक तरकीब सोची । जब मोहित Mr. वर्मा से मिलने में व्यस्त हो गया तब उसने अपने दोस्तों की मदद से सीमा को अपने पास बुलाया । और उसके लिए सारे पकवान मंगवाए। पर सीमा ने ऐसे पकवान न तो कभी देखे थे न कभी खाये थे । वो हाथ से ही उसे खाने लगी और वो उसके मजाक का पात्र बन गयी । इतना ही नही जब सीमा वहा से जाने लगी तो उसके एक दोस्त ने उसके रास्ते मे कुछ ऐसा फेका जिससे वो गिर पड़ी । और सब सीमा को देख रहे थे क्योंकि सीमा वास्तव में आज सबका केंद्र बिंदु बन के रह गयी थी ।

प्रेरणा का मन फिर भी नही भरा, पता नहीं क्या क्या टिपणी करने लगी, गाँववाले अनपढ़ गवार, क्या जाने शहर के तौर तरीके, ठीक से चलना भी नही आता, पता नही क्या देखा मोहित ने इसमें जो…………

इतने में मोहित वहा आ गया, उसके चेहरे पे उभरते हुए गुस्से को देख प्रेरणा पीछे की और खिसक गयी।
सीमा के आंख के आंसूं बहुत कुछ बया कर रहे थे। तभी मोहित ने सीमा को उठाया और कहा सीमा तुम यह क्यों सोचती हो लोग तुम्हारे बारे में क्या कहेगे। यह तो वही लोग है जो आज इस तरफ कल उस तरफ हो जायेगे । पर अगर तुम वास्तव में यह चाहती हो यह लोग तुम्हें जाने, गॉव की लड़की को तो यह लो माइक और अपना वही लिखी हुई धुन सुनाओ जिससे सुन के मुझे तुमसे प्यार हो गया था ।

तब सीमा ने गाना आरंभ किया, तब उसकी मधुर आवाज सुन परिंदे भी मंत्र मुग्ध हो गए । उसकी आवाज में एक अलग ही अलाप था जो सबको अपनी तरफ खिंच रहा था । सबने उसके लिए तालिया बजायी और उसे बधाईया दी । प्रेरणा तो ठगी सी रह गयी थी ।

सबने सीमा की तारीफ की और उसे प्रोत्साहित किया । तब सीमा मोहित के पास जाकर उसके गले लग गयी । और उसने आगे कहा तुम ही मेरे सच्चे हमसफर हो और तुमने मुझसे शादी कर मुझे पूरा कर दिया । 

फिर ताली की गूंज से नए रंग भर गए पर इस बार यह ताली एक अनजान रास्तो पे प्यार के रंग बिखेरने के लिए थी जो सीमा और मोहित खुद बया कर रहे थे। 

2.True Love And Marriage Love Story in Hindi | Most Romantic Love Story in Hindi
प्यार वो एहसास है जिसका अपना अलग ही अंदाज़ है 
एक खुशबू बिखेरी खूबसूरती का जहां है 
खुसनसीब होते जिन्हे मिलता सच्चा प्यार है 
एक दूसरे के प्रति समर्पित होते सारे वहा संस्कार है। 

रीत और राज़ एक दूसरे के लिए ही बने हुए थे। राज़ रीत से बेहद प्यार करता था। वो एक पल भी रीत के बिना रह नहीं सकता था, इतना ही नहीं वो रीत के लिए सब कुछ दांव पे लगा सकता था। राज़ एक अमीर घराने से था और रीत एक मध्यमवर्गी परिवार से थी। राज़ ने रीत को एक नज़र में ही पसंद कर लिया था और रीत ने ख़ुशी ख़ुशी शादी के लिए हां कर दी थी। 

राज़ रीत को बहुत खुश रखता था। उसकी हर छोटी बड़ी ख़ुशी का ध्यान रखता था। रीत भी राज़ से बेहद प्यार करने लगी थी। पर कहते है न ख़ुशी के साथ दुःख भी दस्तक देता है। तब मुश्किल कांटे बन कर रास्ते में  
खड़ी हो जाती है। राज़ के ऊपर काम का अधिक भार होने के कारण वो अब चिड़चिड़ा होने लगा था।  छोटी छोटी बातो पे रीत को डांटने लगा था और रीत उदास सा मुँह लेकर घर के किसी कोने  में जाकर आंसूं बहाने लगी थी, पर राज़ को तो रीत को मनाने के लिए भी वक़्त नहीं होता था। एक दिन राज़ के कुछ ऑफिस के फाइल पे गलती से रीत ने पानी गिरा दिया, जिस कारण राज़ ने रीत को बहुत खरी खोटी सुना दी, इतना ही गुस्से में उसने रीत को घर से जाने के लिए भी कह दिया। 

राज़ गरमागरमी में ऑफिस चल दिया पर रीत के मान सम्मान को अंदर ही अंदर उसने तोड़ दिया था। एक औरत के लिए पति के आँखों में उसके लिए सम्मान बहुत मायने रखता है। रीत ने अपना बैग बांधा और चल दी एक अनजान रास्ते पे, जाना कहा है उसे खुद नहीं पता था। 

पर रीत को क्या पता था राज़ को छोड़ के जाना उसकी जिंदगी का सबसे गलत फैसला था। कुछ वक़्त आगे जाने पे उसे एक पति पत्नी मिले जो उसे रोता देख उसका दुःख बाटने आ गए। और उससे फिर मीठी बातें करने लगे और उसे अपनी बेटी कहकर अपने घर ले आये। 

रीत को क्या मालूम था की वो कहा आ गयी है।  चकचोँद की दुनिया में अब वो चुकी थी।  अगली सुबह वो औरत उसके पास आयी, आज उसका मिज़ाज़ थोड़ा अलग था।  उसने रीत को कहा, ऐ लड़की! बंद कर अब ये रोना धोना, तुझपे तरस खा के तुझे एक हफ्ता दे रही हु, खुद ही मैदान में उतर जाना वर्ना जबरदस्ती करनी हमें भी आती है। 

रीत के पैरो तले की जमीन ही खिसक गयी थी। वो बहुत रोई पर आज उसके आंसूं पूछने वाला कोई नहीं था। इधर एक हफ्ता भी गुजरने को आया था। फिर एक शाम को तो वो हुआ जिसने उसे अंदर ही अंदर हिला के रख दिया था। 

उसे दुल्हन की तरह सजाया गया। आज उसपे बोली लगने वाली थी। शाम का  आखिरी पहर आया और उसे सुन्दर से कमरे में लेजा कर दो चांटे जड़ के मूर्ति बनाकर बैठा दिया और चुप रहने को कहा और अपनी इस नयी  जिंदगी को चुपचाप स्वीकार करने को कहा। 

वो डरी हुई, काँपी हुई, बिस्तर पे सिमटी हुई बैठी थी। तभी दरवाज़े से एक आवाज़ आयी।  वो अम्मा की आवाज़ थी, और उसके साथ एक आदमी जिसने उसपे १ लाख की १ रात की बोली लगाई थी। अम्मा जाते जाते उस आदमी से कह गयी, नया माल है, ध्यान से!! 

रीत अब सिमट रही है, भय और डर आज उसके आँखों में साफ़ झलक रहा था। तभी वो आदमी उसके पास आया और उसके दोनों हाथ पकड़ लिए। रीत तो जैसे काँपने लगी थी। तभी उसने रीत का चेहरा ऊपर किया, तो रीत जैसे शांत हो गयी थी। उसके आँखों में से आंसूं बहने लगे क्यूंकि वो और कोई नहीं, उसका पति राज़ था। 

राज़ ने रीत पे बहुत गुस्सा किया और उसे दो चांटे भी लगाए, फिर अपने बाहों में कसकर पकड़ लिया और उसे अब हिम्मत रखने को कहा। तब रीत ने राज़ से माफ़ी मांगी, तब राज़ ने रीत से कहा गलती तुम्हारी नहीं मेरी है। मुझे तुमसे ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। तुम्हारे जाने के बाद मेरी जिंदगी को जैसे खत्म ही हो गयी थी। तुम्हे पागलो की तरह इधर उधर ढूंढा तब जाके मेरी तलाश पूरी हो पायी है। पर आज वक़्त पे तुम्हारे पास नहीं पहुंच पाता तो पूरी जिंदगी खुद को कोसता रहता। 

राज़ ने रीत के आंसूं पूछे और जो कुछ उसके साथ घटित हुआ उसके लिए रीत से माफ़ी मांगी फिर उसने किसी को फ़ोन किया और पूरी घटना बतायी। कुछ ही देर में वहा पुलिस की गाड़िया आ गयी थी। तब राज़ रीत को लेकर बाहर आया। इतना ही राज़ ने रीत के सामने उस अम्मा को दो चांटे लगाए क्यूंकि एक औरत होकर भी एक औरत का दर्द न समझ पायी थी। 

राज़ रीत को लेकर घर आ गया था फिर तीखी नज़रो से पूछा! रीत एक बात तो बताना तुम किसी के साथ! क्यों न एक बार टेस्ट कर लेते है। रीत तो रोने लग गयी थी। तभी राज़ ने कहा मैडम! मज़ाक कर रहा हु, तुम जैसी कल थी वैसी ही आज हो, जितना प्यार था कल तुमसे उससे कही ज्यादा प्यार आज है तुमसे! राज़ ने रीत को कभी न खुद से दूर जाने की नसीयत दी और प्यार से फिर गले लगा लिया था। 

3.Love story in Hindi | Love Emotional Story in Hindi | Short Love Story |भ्र्म था या प्यार आख़िर क्या था ???

अक्सर हमे जो दिखाई देता है हम उसे ही सच मान लेते है पर यह जरुरी तो नहीं जो दिखे वो ही सच हो क्या यह हमारा भ्र्म तो नहीं है। 

रिया आज रोहन का बेसर्बी से इंतज़ार कर रही थी। एयरपोर्ट पर वो २ घंटे पहले ही पहुंच गयी थी। आज रोहन अपनी दो महीने की ट्रेनिंग पूरी कर भारत लोट रहा था।  रिया और रोहन कॉलेज के सहपाठी रह चुके थे और और दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। 

रोहन इस बात से अनजान था की रिया उसका एयरपोर्ट पे इंतज़ार कर रही थी। रोहन को देख रिया की मानों  दिल की कलि खिल गयी थी। जैसे ही वो रोहन की तरफ बड़ी पीछे से उसके कंधे पे किसी ने हाथ रखा। वो गोरी चिठ्ठी  थी और वो रोहन के बहुत चिपकी हुई थी। रिया ने अपने पैर पीछे किये और वो भीड़ में कही हो गयी। अब उसकी ख़ुशी आंसूं में तब्दील हो गए थे। 

रोहन वहां से वो गोरी चिठ्ठी मिनी को ऑटो में बैठा कर सीधे अपने कंपनी गया जहा वो अपने बॉस से मिला और अपना जरुरी काम समाप्त कर सीधे घर आ गया जहा मिनी भी उसका इंतज़ार कर रही थी। अब उसने रिया को फ़ोन किया पर उसका फ़ोन नहीं लग रहा था आगे से एक ही आवाज आ रही थी की जिसे आप संपर्क करने की कोशिश कर रहे है वो आपके कवरेज क्षेत्र से बाहर है। वो थक भी गया था इसलिए उसने सोचा रिया को उसके घर जाकर  उसे सरप्राइज दुगा। 

अगले ही सुबह वो जल्दी उठ गया था क्यूंकि उसे रिया से मिलना था। वो बिना नाश्ता किये ही घर से निकल गया। रिया के पिताजी ने कहा रिया अपनी मासी के वहां गयी है एक महीने बाद आएगी। रोहन मन ही मन गुदगुदाया रिया ने बताया नहीं वो मासी–और उसे पता था में आज आने वाला हु। रोहन विचारो के प्रवाह में खोया अब ऑफिस पहुंच गया था।  रिया से उसका संपर्क मानों टूट ही गया था। 

एक दिन जब वो मॉल की सीढ़ियों पे था उसने रिया को देखा। उसने रिया को आवाज लगाई पर रिया ने अनसुनी कर दी और वो लिफ्ट की और चल दी। उसने जैसे ही लिफ्ट को बंद करने की कोशिश की तब तक तो रोहन लिफ्ट के अंदर आ चूका था। तब रोहन के सवाल और रिया की ख़ामोशी   जवाब दे चुकी थी। तब रिया ने रोहन को विस्तार से एयरपोर्ट वाली बात कह डाली और रोहन जोर जोर से हसने लगा और जब रिया को यह पता चला की वो रोहन के दूर के चाचा की बेटी थी तो वो भी हस पड़ी। उसके आंख फिर भीग गयी पर इस बार उसके आंख में ख़ुशी के आंसूं थे। उसने रोहन को अपने नाजुक हांथो से बहुत मारा और वो उसकी मार खा रहा था। फिर रोहन ने रिया के आंसूं पूछे और उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और रिया उस लिफ्ट में हमेशा के लिए कैद हो गयी जिसका रिमोट रोहन के हाथ में था। 

4.Love story in Hindi | Cute Love Story | पर्सनल सेक्रेटरी का वो पद

कहानिया कभी ख़त्म नहीं होती वो तो जिंदगी के आखिरी पल तक चलती रहती है..  

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ऋतिक और रिया कॉलेज में एक दूसरे के सहपाठी थे। दोनों एक दूसरे को बेहद पसंद करते थे। पर दोनों ने अपने प्यार का इजहार नहीं किया क्यूंकि दोनों को डर था की कही यह एक तरफ़ा प्यार तो नहीं। बस इसी डर में कॉलेज के तीन साल निकल गये। आज कॉलेज का आखिरी दिन था , आज दोनों के रास्ते अलग हो गये थे। 
 
दोनों अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गए।  रिया को पास ही किसी कंपनी में नौकरी मिल गयी थी वही ऋतिक को एक बहुत बड़ी कंपनी में नौकरी मिली थी। समय बीतता गया और ऋतिक ने अपनी एक कंपनी खोल दी। आज ऋतिक के सपनो को पंख लग गए थे और अरमानो को एक नयी दिशा मिल गयी थी। 
 
ऋतिक की कंपनी ने रफ़्तार पकड़ ली थी और वही रिया जिस कंपनी में काम करती थी वहा लाखों को घाटा हो गया था और उसे कंपनी से बाकि कुछ कर्मचारी के साथ  निकाल दिया था। अब वो निराश हो गयी थी।  अगले ही दिन अख़बार में मयूर स्टील्स का विज्ञापन पढ़ जहा पर्सनल सेक्रेटरी की जरुरत थी वो खुश हो गयी थी। 
 
अब वो मयूर स्टील में साक्षात्कार की  लम्बी कतार को देख ठिठक गयी थी पर फिर उसने सोचा जब आ ही गयी हु तो एक बार किस्मत को आजमा लेती हु। आगे क्या होने वाला था इस बात से अनजान कतार में लगी अपना नंबर आने का इंतज़ार कर रही थी। अब उसका नंबर आ गया था। अंदर से घंटी बजी और रिया ने द्वार खोला और पूछा  May I comin Sir??     ऋतिक ने कहा YES!!   उसने अपनी फाइल ऋतिक को थमाई और उसकी नजर फिर वही ठहर गयी। ऋतिक उसे और वो ऋतिक को दोनों एक दूसरे को निहारते रहे। फिर ऋतिक ने रिया को बैठने को कहा पर उसके हाथ से तो मेज पर पड़ा  पेन स्टैंड गिर गया। दोनों पेन उठाने में लग गए और ऋतिक ने रिया को कहा तुम्हारी गिराने की आदत अभी तक नहीं गयी है और दोनों खिलखिलाकर हस पड़े। 
पर आज मानों रिया को देख वो खुद को रोक नहीं पाया और अपने प्यार का इजहार कुछ इस अंदाज में किया।  रिया आज तुम इस कंपनी में पर्सनल सेक्रेटरी की पद के लिए आयी हो पर क्या तुम हमेशा के लिए मेरी  पर्सनल सेक्रेटरी बन के रहना पसंद करोगी। तुम्हारी हर ख़ुशी का ध्यान रखुगा। तुम्हारे साथ कदम से कदम मिला कर पूरी जिंदगी साथ चलुगा। तुम्हे पता है एक दिन भी ऐसा नहीं था जिस दिन तुम्हारी तस्वीर से बात नहीं की अब तुम्हे जिंदगी भर के लिए अपना बनाना चाहता हु। क्या तुम्हे मंजूर है। रिया हस पड़ी। ऋतिक को थोड़ा अजीब लगा। पर रिया ने ऋतिक को गले लगा लिया और कहा इतनी से बात कहने में इतना वक़्त लगा दिया। और वो चुप हो हो गयी। ऋतिक ने रिया को अपनी और खेंचा और उसके होठों को अपने होठों से छुहा और दोनों फिर एक दूसरे की बाहों में थे। 
 
फिर जिन्द्गगी एक नयी  कहानी लिखने वाली थी और किस्मत ने प्यार करने वालो को मिला दिया था और प्यार के परिंदे आज एक हो गए थे। 
 

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