Hindi Poem on Majbur Vaishya |
कभी कभी जिंदगी से बड़ी घिन आती है क्यूंकि यहाँ एक दुनिया ऐसी भी है जहा सारे ख्वाब सिमट कर रह जाते है और कटपुतलिया बन रह जाते है। एक आलम सजाया जाता है और हर रोज़ नोचा जाता है। कोई नहीं सुनता किसी की पुकार क्यूंकि हर कोई करता यहाँ शिकार है। कितनी अजीब यह तस्वीर है, कितने अजीब लोग है, कितनी अजीब दास्ता है कितनी ही अजीब यह वक़्त की लालसा है।
जिस्मफिरोशी का जहा होता जंजाल है
मधुमकियों का बनाया हुआ मायाजाल है
पैर पसारती है जिंदगी खामोशिया के आंगन में
पलके भी नही कर पाती सवाल है।
लाचारी और बेसहारी का आलम होता है
हर तरफ भूखे शेर का नंगा नाच होता है
जिंदगी तस्वीर बन रह रह जाती है
खुशियाँ घुट घुट के अकेली में रोती है।
ऐ मेरे खुदा तुझसे आज एक ख्वाइश है मत पसरने दे जिंदगी को खामोशियो के देहलीज़ पे, कुछ ऐसी बारिश कर खुलकर खुले आस्मां में सांस ले सके जिंदगी। और जो इस दुंनिया को बढ़ावा दे रहे है उन्हें रोक ले। अपनी दुनिया को जेहनुन मत बनने दे।
दुनिया खूबसूरत है
खूबसूरती ही बिखेरो
एक कमल के फूल को
मिटी में मत ढकेलो।
जियो और जिनो दो
मिसाल यह कायम करो
इतना सा ख्वाब है
खुले आसमान में जीने दो।