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धार्मिक मंच संचालन शायरी | Bhakti Shayri in Hindi |

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bhakti Sandhya Shayri 2024, bhakti Shayri
भगवान के दरबार में भक्तों का डेरा होता है
और श्रद्धा के चढ़ते फूलों में उसका ही बसेरा होता है
सृष्टि के हर कोने में जो व्याप्त होता है
दिल से जो भी याद करे वो उनके पास होता है।
चरणों में हमारा वंदन है
भावना से हमारा उनको वंदन है
दुनिया के प्रकाशपुंज का आओ मिलकर करें गुणगान है
सारी दुनिया की ओर से करते वंदन बारंबार है।
सदा न कोयल बोलती
सदा न खिलते फूल
भगवान के सत्संग सुनने का अवसर मिलता
जब भाग्य हो अनुकूल।
हमारी हर इबादत में जो बसा है
सृष्टि को जिसने अपने हाथों ही रचा है
भक्तों की पुकार पे आधी रात को भी जो चला आता है
मन वचन काया से जो श्रद्धा भक्ति करता, भगवान उनके मन मंदिर में ही बस जाता है।
शुद्ध भावों का आगमन होता है
क्लेश पाप सब मिट जाता है
सत्संग सुनने से
मन निर्मल और आत्मा पवित्र होती है।
एक अलग ही औरा होता है वहां
जहां निवास भगवान करते हैं
मन खुद ही निर्मल हो जाता है
दया भाव का झरना वहां बहता है
तभी तो भगवान के दरबार में
भक्तों का डेरा होता है
और श्रद्धा से चढ़ते फूलों में
उन्हीं का बसेरा होता है।
तारों से प्रस्फुटित होता यह आकाश है
सूर्य से फैलता
चूहु और और प्रकाश है
आओ उनकी भक्ति में डूब जाएं
जिनके हाथों हुआ सृष्टि का शिलान्यास है।

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