पापा आज भी आप यही कही हो,
ऐसा लगता है कही से हमे देख रहे हो
और अपने आशीर्वाद भरे दोनो हाथो को हमारे सिर पर रखकर
हमे कही से पुकार रहे हो।
आज भी याद आता है, वो अपनेपन का एहसास, वो खुशियों का गुलजार, उन मजबूत कंधे पे नन्ही नन्ही हथेलियों का स्पर्श, वो मासूमियत का मंजर वो आंख मिचौली, वो नए सफर की हमजोली, और उन खूबसूरत लम्हों को कैद करती पिता की केमरे की वो आंखें।
आपकी पुण्य तिथि पर नमन पापा आपको करते है,
जहा कही भी हो आप यही दुआ करते है
सिर पे रहे आपका हाथ, जहा से भी महके आपका गुलज़ार
इन्ही शुभकामनाएं के साथ श्रद्धा सुमन के फूल आपको अर्पित करते है।
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