मेरी मां नायाब थी, दुनिया में सबसे खुबसूरत थी
गोदी में उनके अलग ही सुख मिलता था
ऐसा लगता था कायनात का रास्ता भी यही से निकलता था।
एक और अरसा निकालना था जिनके साथ
क्योंकि मेरे सिर को हमेशा तेरे इन हाथो की जरूरत है।
अरसा हो गया इस बात को
और उनके गए हुए हो गए आज तीन साल है।
आपकी पुणिथिति पे बस इतना ही कहना है
मेरी दुआए में शामिल एक ही नाम है
जिसने दिया मेरे जीवन को नया आयाम है
वो और कोई नही मेरी मां है
करते आपको पुण्यतिथि पर वंदन बारंबार है।
मां आप आज भी यही कही हो
ऐसा लगता है हमे कही से देख रही हो
और अपने आशीर्वाद भरे दोनो हाथो को
हमारे सिर पर रखकर
हमे कही से पुकार रही हो
घर में आपकी आवाज आज भी सुनाई दे रही है
लगता है आप चाय चाय कहकर पुकार रही हो
और मिठास भरी बातों शेयर चूरमा बनाकर
बहन बेटियों को जीमन के लिए
बुला रही हो
आपकी पहली पुण्य तिथि पर नमन मां आपको करते है
जहा कही भी हो यही दुआ करते है
सिर पे रहे हमेशा आपका हाथ
जहा से महके आपका गुलजार
इन्ही शुभकामनाएं के साथ श्रद्धा सुमन के फूल अर्पित करते है।