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Hindi Diwas Speech 2023 | हिंदी दिवस पर स्पीच | हिंदी दिवस पर भाषण

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हिंदी सिर्फ भाषा ही नही, जरिया है खुद को व्यक्त करने का
अपनी फीलिंग्स को सहज और सरल रूप में कहने का
कितना भी कर लो तुम अंग्रेज़ी से प्यार
पर जब भी तुम करना चाहोगे इकरार
हिंदी में ही करोगे तुम वार्तालाप
Multinational, International company में करते होंगे तुम काम
पर तुम्हारी हर नस में है हिंदी का ही है नाम
Good morning कहके बाहर करते होंगे तुम greet
पर जब भी कोई मेहमान तुम्हारे घर आये तो पधारो सा ही तुम कहते होंगे
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आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिशकगण और मेरे प्यारे सहपाठीयो

आज हिंदी दिवस की सबको हार्दिक शुभकामनाएं देती हु और इस दिवस पर मुझे मंच प्रदान करने के लिए तहदिल से धन्यवाद ज्ञापित करती हु।

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है। पूरे भारत मे इसी का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष के 14 september को पूरे भारत मे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
और हिंदी का महत्व और उसका प्रसार प्रचार भी किया जाता है।

हिंदी दिवस कब और क्यों बनाया जाता है?
15 अगस्त 1947 में हमारा भारत आज़ाद हो गया था। स्वतंत्र प्राप्ति के बाद भारत के पास सबसे बड़ी समस्या भाषा की थी।क्योंकि भारत के हर कोने में अलग अलग बोली बोली जाती है जिसे हम क्षेत्रीय भाषा के रूप में भी जानते है।तब संविधान सभा ने14 september1949 में हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसके प्रचार प्रसार को बढ़ाने के लिए सन 1953 में पहला हिंदी दिवस बनाया गया। तब से लेकर आज तक 14 September को हिंदी दिवस पूरे भारत में मनाया जाने लगा।

दिनों दिन हिंदी के प्रति लोगो की रुचि खत्म होने लगी है, क्योंकि अंग्रेज़ी भाषा ही विद्यालय और कॉलेज में अपने पैर जमाने लगी है। English के alphabets तो याद होंगे पर अगर व्यंजन पूछ लें तो हमे इनका क्रमांक भी याद न होंगे। इसलिए हिंदी सिर्फ राजभाषा न बनकर रह जाये, इसलिए इसका प्रचार और प्रसार और इसे हमारी संस्कृति में ढालने का प्रत्यन किया जा रहा है। और हिंदी हर भारतवासी के दिल मे बसती रहे क्योंकि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक
हिन्द से लेकर हिन्दुस्थान तक
बोली जाती जो बिंदास
रिश्तों में घोलती है यह मिठास

इस दिन लेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता, कविता लेखन, गायन प्रतियोगिता होता है, ताकि हिंदी का महत्व और उसका ज्ञान से आने वाली पीढ़ी वंचित न रह जाए।

हिंदी का महत्व हमे समझना चाहिए और पीढ़ी दर पीढ़ी इसे समझे और इसके विकास में प्रत्यनशील रहे ताकि हिंदी सिर्फ भाषा ही नही रहे
बल्कि हर भारतवासी के दिल मे रहे।

अंत में चार पंक्तियों से अपनी वाणी को विराम देती हु और हिंदी दिवस की सबको हार्दिक शुभकामनाएं देती हु

आओ हिंदी दिवस पर एक स्वप्न साकार करते है
Good morning छोड़कर सुप्रभात कहकर दिन की शुरुआत करते है
रोज़मर्रा की जिंदगी में इसे इस्तमाल करते है
पधारो सा कहकर इसे सम्मान देते है
क्योंकि
हिंदी सिर्फ भाषा ही नही हम सबकी जननी है
सबसे अलग हम भारतीय और हमारी भाषा, क्योंकि हम हिंदुस्तानी है।

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