Poem on Para Swimmer Jagdish Teli |
मन मे जीतने का जज़्बा हो तो
मुश्किल कुछ भी नही है
रास्ता खुद दिखा रही मंज़िल है
क्योंकि शिकस्त खाकर भी निडर होकर चले तुम हो।
हौसलों में उड़ान हो तो
शारीरिक बाधा भी आपको कुछ नही बिगाड़ सकती है
कामयाबी खुद तुम्हारे नग्मे बिखेर रही है
क्योंकि मुश्किल से न डरकर निडर होकर चले तुम हो।
5 वर्ष की उम्र में पोलियो जिसे डस गया हो तो
क्या लिम्का और क्या एशिया बुक में नाम दर्ज कराना आसान है
पर खून के हर कतरे से एक अलग ही जुनून की गूंज आती है
क्योंकि परिस्थितियो से लड़कर निडर होके चले तुम हो
24 जून 2018 की बात है—
12 घंटे 26 मिनट में इंग्लिश चैनल को पार कर दिखाया है
एक पैर गवांकर भी एक मिसाल कायम की है
विश्व तुम्हे सलामी दे रहा है
क्योंकि हारकर फिर उठने का जज़्बा लेकर चले तुम हो।
जीत जुनून की तरह होती है
हारने का यहा कोई विकल्प नही होता है
जीतने का जज़्बा भरा हो तो
रास्ते कभी कठिन नही होते है।
उठो, अपने सपनो को पंख दो
उड़ने दो उन्हें आसमानों में
ऊँचाई तक पहुँचने दो
इतनी ऊंचाई जहा से नीचे गिरने का भय ही समाप्त हो जाये
जीत आपका इंतजार कर रही है
मंज़िल आपको रास्ता दिखा रही है
कामयाबी आपको सेहरा पहना रही है
लोग आपको बधाईया दे रहे है।
चल पड़ो,
जितनी बार गिरो,
उतनी बार फिर उठो,
मत हारो,
मत घबराओं
बस चलते रहो,
जब तक चलो
जब तक तुम लक्ष्य न पा लो
बस यही आशा लेकर यह कविता रची है।
सुनो रोज़ नए विश्वास के साथ
और
बस चलते रहो
चलते रहो।