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Poem on Cut Water Concept

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Poem on Cut Water Concept

एक नयी विचारधारा जन्म ले चुकी है 
जल सरंक्षण की और जनता बढ़ चुकी है 
पत्रिका एक नयी मुहीम शुरू कर चुकी है 
जल के प्रति सवेंदना आज जग चुकी है। 

जल जीवन का आधार है 
जल सृष्टि का उपहार है 
जल से ही जुडी जीने  की लकीर है 
जल की  महिमा से कैसे करे हम इनकार है। 

पेयजल को हम बचा सकते है 
हम भी इस मुहीम का हिस्सा बन सकते है 
बस करना आसान सा काम है 
जल को व्यर्थ  बहने से रोकना है। 

कट कट कट, कट Excess Water
Use and Serve Limited Water
एक नया कदम towards Preserving Water
चलो हम भी इस कारवां को आगे बढाते है। 

जल है तो सरोवर को मिला जीवन है   
जल है तो प्रकृति में बसी हरियाली  है 
जल है तो पक्षी भी कर रहे  मधुर गान है 
जल है तो ही मुस्कुराता हुआ हमारा कल है। 

 

Poem on Water in Hindi | Save Water Poem in Hindi

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आशाओ के दीप जलाकर,
        एक नया सवेरा लेकर आयी हु 
बूंद बूंद बचाकर सृष्टि को 
        फिर तरोताज़ा करने की उम्मीद बन कर आयी हु। 

माना पानी की हो रही किल्लत है

        और तुम चैन की नींद सोये हो 
पर आज तुम्हे जगाकर 
        उन पन्झारियो की नींद मांगने आयी हु। 

बूंदे हो तुम जीवन की, कैसे तुम्हारा तिरस्कार करू 
        बूंद बूंद से गागर में सागर भरने आयी हु 
फिर कही पानी व्यर्थ न बहे, फिर कोई प्यासा न सोये 
         एक नयी उमंग से नए भारत का निर्माण करने आयी हु। 

सब रत्नो से मंहगा उस रत्न का मोलभाव करने आयी हु 
        पानी की हर एक बूंद का हिसाब लेने आयी हु 
सिर्फ समस्या कह देने से समाधान नहीं होगा 
         इस रत्न की कीमत तुमसे आज जानने आयी हु। 

जल के प्रति सजगता लोगो में जगाने आयी हु 
        थाम कर एक दूजे का हाथ इस रीत को आगे बढाने आयी हु 
कट कर water को एक नयी सोच विकसित करने आयी हु 
        रेस्तरा हो या घर यही सन्देश फ़ैलाने आयी हु। 

चलो बूंद बूंद बचाते है 
         सृष्टि को और सूंदर बनाते है 
आगे आने वाली हर पीढ़ी को 
         यही कीमती रत्न हम ख़ुशी ख़ुशी पहनाते है।  

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