”तेरी ग़ज़ल में शामिल में एक ग़ज़ल हु
ऐ मेरे हमसफ़र में ही तेरी मंज़िल हु। ”
Hindi Kavita Humsafar |
प्यार भरा बंधन है , सुख दुःख का दर्पण है
एक दूसरे का आत्मसमपर्ण है, कितना प्यारा संस्करण है।
लड़ना भी है, झगड़ना भी है, फिर प्यार से मनाना भी है
रुसवाई भी है तो प्यार में गहराई भी है।
एक नया अध्याय है जहा समर्पित हो जाते सारे संस्कार है
विधि का विधान सत सत इस रिश्ते को नमस्कार है।
ऐ मुसाफिर जरा ठहर ,
अभी चलना बहुत आगे है
सात जन्मों की ड़ोर बांधी है
अभी तो पूरा रास्ता तय करना बाकि है।
सबसे प्यारे रिश्तो में से एक रिश्ता है पति-पत्नी का। इस रिश्ते की अभिव्यक्ति इतनी सुन्दर है —-एक दूजे का थामे हाथ चलना है सातों जन्म –तो सोचो यह रिश्ता कितना खूबसूरत होगा। प्यार आगाज़ है, अद्भुत एहसास है, बक्शीस है, रंगो की ईद है___सवेरा है, बसेरा है, हमदर्द है, हर दर्द की दवा है। इस रिश्ते की व्याख्या करना भी मुश्किल है। वक़्त के तराज़ू में चलते चलते यह रिश्ता दृढ से दृढ़तर बन जाता है। बिछड़े धागे हर जनम में मिलते है, हर जनम में मोती पिरोये जाते है। एक दूजे का थामे
हाथ, फिर सफर की शरुआत की जाती है।
ग़ज़ल ऐ हमसफ़र बस इतना हे फरमान है ———-
तुम मेरा गुमान रहना
मेरा रास्ता तुम बनना
जब भी मुझे तुम्हारी जरुरत हो
तुम मेरे दिल की धड़कन बनना।