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Jain Guru

tap ki anumodna, tapasya anumodna.

Tap ki Anumodna | Jain तपस्या पर शायरी | अनुमोदना अनुमोदना बारंबार

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तप आत्मा में मलीनता को हटाकर पवित्र बनाता है, अनंत पापो का क्षय करता है और जीवन में आनंद की ऐसी अनुभूति लाता है जिसका… Read More »Tap ki Anumodna | Jain तपस्या पर शायरी | अनुमोदना अनुमोदना बारंबार

chaturmas pravesh speech, jain guru pe kavita

Chaturmas Pravesh Speech | चातुर्मास प्रवेश | चातुर्मास पे बोलने के लिए दो शब्द

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शाशनपति श्रमण भगवान महावीर स्वामी को वंदन नमस्कार करने के पश्चात उन्ही की आज्ञा में विचरण करने वाले संत सतियो के चरणों मे कोटि कोटि… Read More »Chaturmas Pravesh Speech | चातुर्मास प्रवेश | चातुर्मास पे बोलने के लिए दो शब्द

Jain Sant pe Kavita, Jain Sant pe Shayri, vinti jain sangh se

जैन गुरु चरणों में वंदन कविता| Jain Guru pe Kavita| Poem on Jain Sant|जैन मुनि पर कविता

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चित्रण क्या करूँ उनका जिसका जीवन खुद एक विश्लेषण हैलाखों की भीड़ में बने वो पथ प्रदशक हैसंयम रूपी आभूषण से जिसने अपनी आत्मा को… Read More »जैन गुरु चरणों में वंदन कविता| Jain Guru pe Kavita| Poem on Jain Sant|जैन मुनि पर कविता

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