Hindi Poem on Majbur Vaishya-Ek duniya aise bhi
एक दुनिया ऐसी भी एक रात गुज़र गए लेकिन बात अभी बाकि है अभी तो जुल्मो की शरुरात हुई है जख्म अभी और बाकि… Read More »Hindi Poem on Majbur Vaishya-Ek duniya aise bhi
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