Hindi Poem -फिर खिला गुलज़ार
फिर खिला गुलज़ार ….. हसकर गले लगा ले ऐ जिंदगी रोने वालो को कौन पूछता है क़ब्र भी जगह देने से पहले सो बार सोचता… Read More »Hindi Poem -फिर खिला गुलज़ार
फिर खिला गुलज़ार ….. हसकर गले लगा ले ऐ जिंदगी रोने वालो को कौन पूछता है क़ब्र भी जगह देने से पहले सो बार सोचता… Read More »Hindi Poem -फिर खिला गुलज़ार